मेरठ में महिला की हत्या का खुलासा, शक ने ली जान

सिर और चेहरे पर ईंट से किए कई वार, अर्धनग्न अवस्था में मिला शव
मेरठ के कैंट क्षेत्र में स्थित गांधी बाग चौराहे के पास एक वीरान इमारत में हुई महिला की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। सदर बाजार थाना पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में रिक्शा चालक करतार सिंह को गिरफ्तार किया, जिसने अपनी महिला साथी की ईंट से सिर कुचलकर हत्या करने की बात कबूली है।
पुलिस के अनुसार, करतार सिंह को संदेह था कि महिला के किसी अन्य पुरुष से संबंध हैं। इसी शक में उसने वारदात को अंजाम दिया। मृतका मुजफ्फरनगर जिले के खतौली थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली थी और तीन बच्चों की मां थी।
सीसीटीवी से खुली वारदात की परतें
9 जून को गांधी बाग इलाके में एक खंडहरनुमा मकान में महिला का खून से सना शव मिला था, जो अर्धनग्न अवस्था में था। शव की स्थिति से स्पष्ट था कि हत्या से पहले उसके साथ अत्याचार हुआ। सिर और चेहरे पर गहरे घाव थे।
घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस को करतार सिंह पर संदेह हुआ। पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसके कब्जे से खून से सनी शर्ट, ईंट और वारदात में इस्तेमाल किया गया रिक्शा भी बरामद कर लिया गया है।
साथ रह रहे थे दोनों, फुटपाथ बना था ठिकाना
पुलिस जांच में सामने आया कि महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थी और तीन महीने पहले घर छोड़कर मेरठ आ गई थी। वह घंटाघर पर करतार सिंह से मिली और फिर दोनों साथ रहने लगे। करतार सिंह घंटाघर इलाके में रिक्शा चलाकर जीवनयापन करता था और उसी में सोता था। महिला भी उसके साथ फुटपाथ पर ही रहती थी।
मेला दिखाने के बहाने ले गया और मार डाला
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि 7 जून की रात करतार सिंह महिला को नौचंदी मेले में घुमाने के बहाने रिक्शा में बैठाकर ले गया। लेकिन वह उसे गांधी बाग के पास खंडहर में ले गया, जहां उसने पहले दुष्कर्म किया और फिर गला घोंटने के बाद ईंट से सिर और चेहरे पर वार कर हत्या कर दी।
बेटी को सौंपा गया परिजनों को, अंतिम संस्कार नहीं देख पाए परिजन
महिला अपनी छह साल की बेटी को भी साथ लाई थी, जिसे एक स्थानीय परिवार ने अपने पास रख लिया था। पुलिस ने अब बच्ची को उसके नाना को सौंप दिया है।
जब समाचार पत्रों में महिला की हत्या की खबर छपी, तो उसके परिजन शुक्रवार को मेरठ पहुंचे। उन्होंने फोटो और सीसीटीवी फुटेज देखकर उसकी पहचान की। वे तीन महीने से उसकी तलाश कर रहे थे, लेकिन पुलिस द्वारा गुरुवार शाम को शव को लावारिस मानते हुए अंतिम संस्कार कर दिया गया था, जिससे वे अंतिम दर्शन तक नहीं कर सके।