तीन अलग-अलग रेस्टोरेंट से 30 मिनट में फूड डिलीवरी कैसे? Zomato को कोर्ट ने भेजा समन
दक्षिणी दिल्ली। साकेत कोर्ट ने एक उपभोक्ता की दायर याचिका पर जोमैटों को गर्म खाना डिलीवरी करने का झूठा प्रचार करने पर समन भेजा है। कोर्ट ने उन्हें अपने जवाब देने के आदेश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख निर्धारित की गई हैं।
साकेत कोर्ट ने जारी किया समन
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो को एक दीवानी मुकदमे में समन जारी किया है, जिसमें कंपनी को उपभोक्ताओं को प्रतिष्ठित रेस्तरां से गर्म और प्रामाणिक भोजन ऑर्डर करने की अनुमति देने वाली अपनी सेवाओं को जारी रखने से रोकने का आदेश देने की मांग की गई है।
गुरुग्राम के रहने वाले एक व्यक्ति के दायर याचिका पर सुनवाई की जा रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि जोमैटो अपनी उप-श्रेणी दिल्ली के प्रसिद्ध रेस्तरां से ताजा भोजन डिलिवरी करने की झूठी और धोखाधड़ी प्रथा के खिलाफ था। सिविल जज उमेश कुमार ने आदेश में कहा कि मुकदमे का समन और आवेदन का नोटिस जारी किया जाए।
पिछले साल कस्टर ने किया था ऑर्डर
याचिका के अनुसार, सौरव ने पिछले साल 24 अक्टूबर को जामा मस्जिद, कैलाश कॉलोनी और जंगपुरा में तीन अलग-अलग भोजनालयों से एक ऑर्डर दिया था, जिसके बाद उन्होंने डिलीवरी को ट्रैक किया और पाया कि ऑर्डर अज्ञात व्यक्ति से लिया गया था।
खाना पास के स्थान से क्यों उठाया गया, जबकि वहां रेस्तरां की कोई शाखा नहीं है, भोजन रेस्तरां की मूल पैकेजिंग में क्यों नहीं दिया गया, इसकी क्या गारंटी है कि भोजन रेस्तरां द्वारा तैयार किया गया है, इसकी क्या गारंटी है कि खाना ताजा और गर्म बनाया गया है।
20 मार्च को होगी फिर सुनवाई
याचिका में कहा गया कि 30 मिनट के भीतर दिल्ली के प्रतिष्ठित रेस्तरां से गुरुग्राम और नोएडा के स्थानों तक डिलीवरी कैसे की जा सकती हैं। इससे लगता है कि जोमैटो उपभोक्ताओं के साथ धोखा कर रहे हैं। सिविज जज ने जोमैटो को समन जारी कर 20 मार्च तक अपना जवाब देने के लिए आदेश दिए हैं और अब 20 मार्च को मामले में सुनवाई की जाएगी।