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कोर्ट ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआइ को दिए जांच के निर्देश, कोर्ट ने कहीं ये बातें

जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को प्रारंभिक जांच में सीबीआई द्वारा कथित तौर पर क्लीन चिट देने की रिपोर्ट लीक हो गई है। इस मामले में दिल्ली की एक निचली अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए सीबीआई को जांच के निर्देश दिए हैं।

देशमुख पर लगे 100 करोड़ की अवैध वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच चल रही है। दिल्ली की कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के आरोप-पत्र में भले ही देशमुख को आरोपी नहीं बनाया गया हो, लेकिन वह बड़े षडयंत्र का हिस्सा हो सकते हैं। आरंभिक जांच रिपोर्ट लीक होने से सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं को हो सकता है।

दिल्ली की निचली अदालत ने कहा कि ‘ऐसा लगता है कि सीबीआई ने गाड़ी खींचने वाले इंजन या घोड़े को छोड़ दिया है और गाड़ी में बैठने वालों पर आरोप लगाए जा रहे है। कोर्ट ने कहा कि इंजन या घोड़े द्वारा खींचे बिना गाड़ी की सैर या साजिश संभव नहीं होती। स्पष्ट सबूत होने के बावजूद, ऐसा लगता है कि कारणों को अच्छी तरह से जानते हुए भी सीबीआई ने सिर्फ इशारों पर काम करने वालों को ही आरोपी बनाया जबकि कमान संभालने वाले मास्टर माइंड को छोड़ दिया है।

कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह मामले में अनिल देशमुख की भूमिका की पूरी गहराई के साथ जांच करे और समयबद्ध तरीके से जांच कर चार हफ्ते में बिना रिपोर्ट पेश करे।

अगस्त माह में एक रिपोर्ट, जो कथित तौर पर सीबीआई द्वारा की गई आरंभिक जांच का हिस्सा थी, मीडिया में लीक हो गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच एजेंसी ने निष्कर्ष निकाला था कि देशमुख द्वारा कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया गया।

सीबीआई जांच में पाया गया कि देशमुख के कानूनी प्रतिनिधियों ने सीबीआई के कुछ निचले स्तर के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश थी। मामले में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रिश्वत मामले की भी जांच चल रही है कि क्या दस्तावेजों में हेराफेरी की साजिश में अन्य लोग भी शामिल थे?

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