उत्तराखंड में चंपावत सीट पर होने जा रहे उनचुनाव में में कांग्रेस पार्टी ने निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतारा है. यहां वे सीएम पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगीं. बता दें कि इस उपचुनाव के लिए 11 मई को नामांकन की आखिरी तारीख है, वहीं 31 मई को मतदान होगा. नतीजे 3 जून को घोषित किए जाएंगे.
वहीं चंपावत विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव के तारीख का ऐलान होते ही राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. खासकर बीजेपी ने चंपावत सीट के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. तो वहीं कांग्रेस कैंडिडेट चयन की प्रक्रिया में फंसी है. इस सीट पर आम आदमी पार्टी भी अपनी दावेदारी कर रही है. आप का कहना है कि दमखम के साथ चंपावत का उप चुनाव लड़ा जाएगा.
सभी पार्टियां कर रही हैं जीत के दावे
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए यह महीना किसी परीक्षा से कम नहीं होने वाला है, क्योंकि खटीमा से चुनाव हारने के बाद भले ही उन्हें राज्य की कमान मिली है लेकिन उनके सामने अभी विधायक बनने की चुनौती है. हालांकि उनके ही पार्टी के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अपनी सीट छोड़कर एक बड़ा त्याग किया है. विपक्षी दलों ने चंपावत सीट पर घेराबंदी शुरू कर दी है.
क्या रहा है चम्पावत का चुनावी इतिहास?
- 2002 से 2022 तक इस सीट पर तीन बार बीजेपी जीती, जबकि 2 बार इस सीट पर कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने बाजी मारी.
- 2002 में कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल जीते
- 2007 में बीजेपी प्रत्याशी बीना महाराणा जीती,
- 2012 में फिर से हेमेश खर्कवाल कांग्रेस के विधायक चुने गए
- 2017 और 2022 में लगातार दो बार बीजेपी के कैलाश गहतोड़ी जीते