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कर्नल कोठियाल का हरक सिंह रावत पर पलटवार, हरीश रावत और मुख्यमंत्री धामी को मुफ्त बिजली पर दी खुली बहस की चुनौती

आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल अजय कोठियाल ने प्रदेश के हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने पर भाजपा और कांग्रेस को खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने सत्ता में आने के बाद आप कैसे मुफ्त बिजली देगी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व सीएम हरीश रावत से खुली बहस करने को तैयार है।

रविवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता में कर्नल कोठियाल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप की सरकार बनने पर उत्तराखंड के हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की गारंटी दी है। जिससे भाजपा और कांग्रेस की नींद हराम है। ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी। अब बयान दे रहे हैं कि मुफ्त बिजली का प्लान बनाया था। लेकिन केंद्र सरकार मंजूरी नहीं दे रही है।

मंत्री के बयान के अनुसार उत्तराखंड में मुफ्त बिजली देने से भाजपा शासित राज्यों को मुफ्त बिजली देनी पड़ेगी। जिससे जाहिर है कि भाजपा घोषणा सिर्फ जुमला साबित हुई है। वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी संजय जैन ने आप की ओर से की गई मुफ्त बिजली घोषणा पर पीआईएल दायर की थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

अजय कोठियाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी जो घोषणा करती है, उसे पूरा भी करती है। दिल्ली में 200 यूनिट मुफ्त बिजली देकर कर दिखाया है। 21 दिसंबर को दिल्ली जा रहे हैं। जहां वह दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक, स्कूलों का संचालन का देखेंगे। भाजपा व कांग्रेस के नेता भी उनके साथ दिल्ली चल कर केजरीवाल सरकार के काम को देख सकते हैं। इस मौके पर आप प्रवक्ता नवीन पिरशाली, उमा सिसोदिया भी मौजूद थे।

कर्नल कोठियाल ने कहा कि 29 साल पहले आज के दिन आईएमए में पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। देश की सेवा करने के बाद वे राजनीति में आए हैं। आप ने एक पूर्व फौजी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया है। जिससे भाजपा व कांग्रेस सैनिकों के नाम पर राजनीति करने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि पूरा उत्तराखंड ही सैन्य धाम है। शहीद सम्मान यात्रा और विजय सम्मान रैली से शहीदों और पूर्व सैनिकों को सही सम्मान नहीं मिलेगा। भाजपा व कांग्रेस सैनिक की परिभाषा नहीं जानते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी उल्टे हाथ से सैलूट करते हैं। जो शहीदों व पूर्व सैनिकों को एक तरह से अपमान है।

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