गोरखपुर में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, ‘भारत जितना गरीबों को देता है आवास उतने में बस जाता है ऑस्ट्रेलिया’
गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तेजी से बदलता और विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ता भारत पूरी दुनिया के लिए कौतुहल और आश्चर्य का विषय है बना हुआ है। नया भारत गरीबों को जितना आवास दे देता है उतने में नया ऑस्ट्रेलिया बस सकता है। ऑस्ट्रेलिया की आबादी करीब पौने तीन करोड़ है। भारत में बीते कुछ ही सालों में तीन करोड़ गरीबों के आवास बना दिए गए हैं। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के सभी देशों की सम्मलित आबादी से अधिक, 80 करोड़ लोगों को यह भारत कोरोना कालखंड में मुफ्त राशन उपलब्ध करा देता है।
सीएम, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 90 वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन के मौके पर आयोजित पारितोषिक वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। समापन समारोह के मुख्य अतिथि ओम बिरला का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जब कोरोना से पस्त थी तब भारत ने यशस्वी नेतृत्व, दृढ़ इच्छाशक्ति और चुनौतियों से जूझने के जज्बे से कोरोना का शानदार और सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन करने के साथ विकास, जन कल्याणकारी योजनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाकर समूचे विश्व के सामने नायाब उदाहरण प्रस्तुत कर रहा था। सीएम योगी ने कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है। 200 वर्षों तक शासन करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार जी-20 का नेतृत्व मिलना भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है। जी-20 मे वे देश शामिल हैं जो दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी, 75 प्रतिशत ट्रेड, 85 प्रतिशत जीडीपी और 95 प्रतिशत पेटेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के नेतृत्व में जी-20 का थीम है- वसुधैव कुटुम्बकम, अर्थात एक परिवार, एक पृथ्वी और एक भविष्य। हमारे देश ने सदैव इसी भाव को महत्व दिया है। भारत ने हर मत, मजहब को विपत्ति में शरण दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जी-20 के 11 से अधिक कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के चार शहरों में होने हैं। इसको लेकर प्रयास और अभ्यास को अभी से आगे बढ़ाना होगा। शिक्षण संस्थाओं को भी चाहिए कि वे इससे खुद को जोड़कर स्थानीय स्तर पर अपनी तैयारी करें।
नौ माह में तैयार हुईं कोविड की दो स्वदेशी वैक्सीन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर आगे बढ़ते हुए देश ने कोरोना की अभूतपूर्व चुनौती में भी उपलब्धियों की रफ्तार को थमने नहीं दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष हजारों बच्चों की जान जिस इंसेफेलाइटिस से चली जाती थी, उसका टीका भारत आने में सौ साल लग गए थे जबकि कोरोना संकट में देश ने मात्र नौ माह में दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर दिए। इंसेफेलाइटिस का टीका जापान में 1905 में ही बन गया था लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में टीके 2006 में लगने शुरू हुए। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश मे नौ माह में दो कोविड वैक्सीन विकसित कर इसे 135 करोड़ की आबादी की निशुल्क उपलब्ध कराया गया।
निरपेक्ष भूमिका में न रहें शिक्षण संस्थाएं
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थाओं को निरपेक्ष भूमिका से बाहर निकलकर व्यावहारिकता के भाव से जुड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकताओं के मुताबिक शिक्षण संस्थाओं को इंडस्ट्री के साथ जुड़ना होगा। क्लासरूम तक सीमित रहने की बजाए व्यावहारिक जानकारी की ओर अग्रसर होना होगा।
राजधानी गांव पर शोध की दी सलाह
कार्यक्रम में सीएम योगी ने शिक्षण संस्थाओं को गोरखपुर के चौरीचौरा के पास स्थित राजधानी गांव पर शोध की सलाह दी। इसका इतिहास करीब 2500 वर्ष पुराना बताया जाता है। गोरखपुर विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं को इस पर शोध करना चाहिए।
जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मनीषा ने ज्ञान परम्परा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखा था। उसमें व्यावहारिकता को पर्याप्त महत्व दिया गया। जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान है। इसी के अनुरुप महंत दिग्विजयनाथ जी ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। यह वह समय था जब देश परतंत्र था। उस समय गोरखपुर से लखनऊ का जुड़ाव एक पांटून पुल से था। हम लोगों में बहुत से लोगों ने आजादी की लड़ाई नहीं देखी, सिर्फ सुना है। आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसके मुख्य महोत्सव हर घर तिरंगा अभियान में हर भारतीय पूरे उत्साह से जुड़ा। पीएम मोदी ने हम सबको राष्ट्रीयता से जुड़ने का मंच देते हुए महोत्सव को नई ऊंचाई दी।