हमीरपुर: नदी की बीच धारा में अंतिम संस्कार के दौरान नाव पलटी, डूबे 11 लोगों को बचाया गया
हमीरपुर जिले में सिसोलर थाना क्षेत्र के बैजेमऊ गांव में शव को जल में प्रवाहित करने के दौरान नाव पलटने से दस लोग नदी में गिर गए। नदी में पानी कम होने के कारण मौजूद लोगों ने उनको सुरक्षित बाहर निकाला। ग्रामीणों की मौजूदगी और नदी में पानी कम होने के कारण बड़ा हादसा टल गया।
बैजेमऊ गांव के धनीराम सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। बीमारी से निधन होने से परिजन शव जल में प्रवाहित करने गांव के बाहर से निकली केन नदी में ले गए। शव को गहरे पानी में प्रवाहित करने के लिए नाव में सवार होकर दस लोग जा रहे थे। तभी हादसा हो गया था।
प्रधान जुगल किशोर ने बताया कि पत्थर बांधकर शव को जल में प्रवाहित करते समय संतुलन बिगड़ने से नाव पलट गई। इससे धनीराम सिंह का बेटा दिलीप, नाती कल्लू, भतीजे भोला सिंह व मोनू सिंह समेत दस लोग नदी में डूबने लगे। इनमें कोई तैरना नहीं जानता था।
सीओ बोले- घटना संज्ञान में नहीं आई है
वहीं नदी तट में मौजूद ग्रामीणों ने कूदकर सभी को बाहर निकाला। सभी सकुशल है। बताया कि नदी में पानी कम होने और मौके पर तैरना जानने वाले ग्रामीणों के मौजूद होने से हादसा टल गया। सीओ मौदहा विवेक यादव ने बताया कि उनके संज्ञान में ऐसी कोई घटना नहीं आई है।
इन बातों का भी दें ध्यान
- नाव पर यात्रियों के बीच में आपस में विवाद न होने दें।
- यदि जोखिम का आभास हो, तो यात्रियों के दबाव में नौका का संचालन कतई न करें।
- यात्रियों को नाव संचालन की अनुमति कभी न दें। जब तक प्रशिक्षित चालक नहीं आ जाते तब तक नाव को संचालित न होने दें।
- नौका संचालन सूर्योदय के बाद यानी सुबह आठ बजे से शाम 5.30 बजे तक ही करना चाहिए।
- नाव में क्षमता के अनुसार ही भार अथवा व्यक्तियों को चढ़ाना चाहिए।
- नाव छूटते ही आंधी या तेज बारिश प्रारंभ होते ही नाव को वापस नदी किनारे लगाना चाहिए।