उत्तर प्रदेशराजनीतीराज्य

यूपी के सभी 75 जिलों में लगेंगे बायो फ्यूल प्लांट, सीएम योगी आदित्यनाथ ने योजना बनाने के दिए निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल, एथेनॉल और बायो डीजल जैसे जैव ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. अब तक बायोकोल की 2 इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो चुका है. वहीं, कम्प्रेस्ड बायोगैस की 1 इकाई पिछले जून महिने में पूरी हो चुकी है.

जल्द तैयार करें प्रदेश की नई जैव ऊर्जा नीति: CM

सीएम योगी ने कहा कि भविष्य की जरूरतों के लिए हमें, बायोमास सप्लाई चेन का विकास करना होगा. ऊर्जा और परिवहन के क्षेत्र में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. विद्युत उत्पादन गृहों में बायोमास पैलेट्स के उपयोग किया जाना चाहिए. इस दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की जरूरत है.

हर जिले में स्थापित होंगे बायो फ्यूल प्लांट

उन्होंने कहा कि बायो फ्यूल को बढ़ावा देना कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करने और स्वच्छ वातावरण को, बढ़ावा देने में सहायक होगा. बायो फ्यूल न केवल हमारी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा, बल्कि अतिरिक्त आय और रोजगार सृजन में भी सहायक होगा. इस फ्यूल के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी जो पूरी दुनिया में चिंता का विषय है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के पास मॉडल प्रस्तुत करने का सुअवसर है. अपार संभावनाओं से भरे उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्य बनने के लिए नई जैव ऊर्जा नीति तैयार की जाए.

सीएम योगी ने कहा

सीएम योगी ने कहा कि आगामी 5 वर्षों में 500 टन सीबीजी प्रतिदिन कम्प्रेस्ड गैस उत्पादन के लक्ष्य को लेकर प्रयास करें. इस तरह प्रतिवर्ष 1.5 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा. इसी प्रकार, बायोकोल, बायोडीजल और बायो एथेनॉल के लिए 2000-2000 टन प्रतिदिन के लक्ष्य को लेकर काम किया जाना चाहिए.

बायो फ्यूल ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मददगार 

इस क्षेत्र की निवेशकर्ता कंपनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा. नवीन जैव ऊर्जा नीति तैयार करते समय औद्योगिक जगत से परामर्श जरूर करें. निवेशकर्ता संस्थाओं कंपनियों की जरूरतों को समझें. सभी पक्षों की राय लेते हुए व्यापक विमर्श के बाद नवीन नीति तैयार की जाए.

किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को लेकर कहा

वहीं, किसानों द्वारा पराली जलाए जाने से पैदा हो रही पर्यावरणीय चुनौतियों के स्थायी समाधान के लिए हमें विशेष प्रयास करना होगा. नवीन नीति में इस विषय का ध्यान रखा जाए. सभी 75 जिले में न्यूनतम 01 बायोफ्यूल इकाई की स्थापना के लिए नियोजित प्रयास किए जाएं. यह कार्य प्राथमिकता के साथ हो. अगले चरण में इसे हर तहसील तक बढ़ाया जाना चाहिए. बायो फ्यूल प्लांट की स्थापना और बायोमास भंडारण के लिए ग्राम समाज, राजस्व भूमि चीनी मिल परिसर में खाली भूमि का उपयोग किया जाना चाहिए.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights