संसद भवन पर हमले की बरसी के दिन आज लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है। दर्शक दीर्घा से दो शख्स लोकसभा की कार्यवाही में घुस गए और बेंच पर जा खड़े हुए। इन लोगों ने गैस भी छोड़ी, जिससे परिसर में धुंआ-धुंआ हो गया। इन दोनों को ही कुछ सांसदों ने पकड़ा और फिर सुरक्षा बलों के हवाले कर दिया गया। एक शख्स तो बेंच पर जा चढ़ा और नारेबाजी करने लगा। इस घटना से हड़कंप मच गया और सांसद बाहर निकलने लगे। कार्यवाही को भी तुरंत ही स्थगित कर दिया गया। सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि यह अनुभव काफी डरावना था। वहीं कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह भारी चूक है। बसपा के निलंबित सांसद दानिश अली का कहना है कि दोनों लोगों को पकड़ लिया गया है।
यह घटना बेहद गंभीर है क्योंकि संसद पर आतंकी हमले की आज 22वीं बरसी थी और उसी दिन इस तरह की सुरक्षा चूक हैरान करने वाली है। खबर है कि दर्शक दीर्घा से लोकसभा की कार्यवाही में कूदने वाले एक शख्स का नाम सागर है। वह एक सांसद के लेटर पर गेस्ट के तौर पर पास लेकर दर्शक दीर्घा में आए थे। लोकसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है। यह घटना शून्य काल के दौरान हुई। एक सांसद ने बताया कि शून्य काल की कार्यवाही के दौरान एक लड़का दर्शक दीर्घा से कूदा और फिर एक और अन्य शख्स कूद आया। ये लोग ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे भी लगा रहे थे।
संसद के बाहर भी हंगामा, दो लोगों को हिरासत में लिया गया
यही नहीं संसद के बाहर भी दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। परिसर के बाहर एक महिला और पुरुष ने तानाशाही बंद करने के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। दोनों को पुलिस ने मौके से पकड़ा और उन्हें वहां से ले गई। दोनों पटाखे लेकर पहुंचे थे और उन्हें जलाते हुए नारेबाजी करने लगे। फिलहाल पुलिस दोनों को संसद मार्ग थाने में ले गई है और उनसे पूछताछ की जा रही है। नारेबाजी की यह घटना संसद पर हमले की बरसी के दिन हुई है। इसके चलते संसद के पास प्रदर्शन से सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया और तुरंत उन्हें पकड़ा गया।
चेयर संभाल रहे राजेंद्र अग्रवाल ने बताया पूरा वाकया
इस बारे में राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि एक शख्स जब गैलरी से कूदा तो लगा कि वह गिर गया। वहीं इसके बाद जब एक और शख्स कूदा तो पता चला कि ऐसा जानबूझकर किया गया है। एक शख्स ने गैस छोड़ी, जबकि दूसरा बेंच को ठोक रहा था। राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यह जानकारी नहीं है कि ये लोग नारेबाजी कर रहे थे या नहीं। उन्होंने कहा कि यह साफ नहीं है कि इन लोगों का क्या इरादा था, लेकिन कुछ तो सोचकर ही आए थे। इन लोगों को सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता से पकड़ लिया था।