उत्तराखंडराजनीतीराज्य

कांग्रेस में बढ़ी बेचैनी: मतगणना से पहले भाजपा ने विजयवर्गीय को उत्तराखंड में उतारा, हरीश बोले-आ गया है शातिर खिलाड़ी

विधानसभा चुनाव  2022 मेँ 10 मार्च को हो रही मतगणना से पहले भाजपा-कांग्रेस में हललच तेज हो गई है। उत्तराखंड में सरकार बनाने को लेकर राजनैतिक पार्टियां माथा-पच्ची करनी मे जुटी हुई हैँ। चुनाव के नतीजों से ठीक पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के देहरादून पहंचने पर उत्तराखंड में सियासी पारा चढ़ गया है।

वजह भी साफ है कि 2016 में हरीश रावत सरकार में तोड़-फोड़ के सूत्रधार रहे कैलाश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के विचार-विर्मश करने में जुटे हुए हैं। हैं। रावत सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस के नौ विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था। भाजपा के कई दिग्गजों के साथ देहरादून में मीटिंग का दौर शुरू होते ही कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है।

भाजपा उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत मिलने का दावा कर सरकार बनाने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर दबी जुबान से कांग्रेस के साथ कड़ी टक्कर मिलने से भी इंकार नहीं कर रही है। मतगणना से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ विजयवर्गीय की बैठकों के कई राजनैतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

मतगणना के चार दिन पहले प्रदेश में भाजपा के कुछ नेताओं की सक्रियता पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस को अलर्ट किया है। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर परोक्ष निशाना साधते हुए रावत ने कहा कि दलबदल के एक सिद्धहस्त नेता का उत्तराखंड में आगमन हो चुका है। कांग्रेस तो अलर्ट है ही लोकतंत्र के बाकी सभी पहरेदारों को भी सावधान हो जाना चाहिए।

भाजपा के बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट के कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के संपर्क में होने के बयान के आधार पर रावत ने सोशल मीडिया के जरिए हमला बोला है। रावत ने कहा कि भाजपा विधायक की एक सार्वजनिक स्वीकारोक्ति बेहद शर्मनाक है। उन्होंने दावा किया है कि दूसरी पार्टियों के निर्वाचित होने को प्रतीक्षारत उम्मीदवारों से उनकी पार्टी द्वारा संपर्क साध लिया गया है।

बकौल रावतयह तो सीधा सीधा चुनाव नतीजे से आने पहले ही दलबदल की घोषणा है। यह लोकतंत्र के लिए बड़ी भारी चेतावनी है। विधायक खरीदो अभियान के एक सिद्धहस्त भाजपाई नेता का उत्तराखंड आगमन भी उत्तराखंड में हो चुका है। बंगाल और बिहार में भी इन्होंने इसी तरीके की खरीद-फरोख्त की थी। वर्ष 2016 में उत्तराखंड में की गई खरीदफरोख्त से इनका हौंसला बढ़ा है। अब फिर से ये पुराने शातिर खिलाड़ी उत्तराखंड पहुच चुके हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights