ईद पर भड़काऊ पोस्ट डालने वाला ऑटो चालक गिरफ्तार, मोबाइल से खुला महिलाओं के शोषण का बड़ा मामला

मथुरा में पकड़ा गया आरोपी सोशल मीडिया पर हिंदू नाम से युवतियों को फंसाकर बनाता था निजी वीडियो, पुलिस साइबर जांच में जुटी
मथुरा। ऑटो चालक की ईद पर डाली गई सोशल मीडिया पोस्ट ने पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स को चौंकने पर मजबूर कर दिया। धार्मिक उकसावे से शुरू हुई जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, आरोपी की निजी जिंदगी और डिजिटल गतिविधियों से जुड़ी कई गंभीर बातें सामने आईं। मामला अब सिर्फ भड़काऊ बयान तक सीमित नहीं रह गया — यह महिलाओं के शोषण और डिजिटल अपराध के बड़े जाल में तब्दील हो गया है।
कोतवाली क्षेत्र के मछली मोहल्ला में रहने वाला इमरान नामक ऑटो चालक पुलिस की गिरफ्त में तब आया जब उसने ईद के दिन एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उसने एक विशेष समुदाय के लोगों को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी दी थी। इस वीडियो के वायरल होते ही स्थानीय संगठनों ने विरोध जताया और भरतपुर गेट चौकी पर प्रदर्शन किया।
पुलिस ने आरोपी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान जब उसका मोबाइल फोन खंगाला गया, तो वहां मौजूद डेटा देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। मोबाइल में कई महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें पाई गईं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आरोपी झूठी पहचान बताकर युवतियों से नजदीकियां बनाता था और बाद में उन्हें निजी कंटेंट के जरिए ब्लैकमेल करता था।
आश्चर्यजनक रूप से, उसके व्हाट्सएप प्रोफाइल पर एक अशोभनीय संदेश लिखा मिला: “कुछ लोगों की उम्र इतनी नहीं जितनी मेरी गर्लफ्रेंड हैं”। पुलिस ने उसके मोबाइल को साइबर विशेषज्ञों को सौंप दिया है, ताकि डिलीट किए गए मैसेज, चैट और मल्टीमीडिया रिकॉर्ड को रिकवर किया जा सके।
इसके अलावा, आरोपी के सोशल मीडिया अकाउंट्स (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि) से जुड़े यूआरएल और एक्टिविटी लॉग्स को जांचा जा रहा है। संबंधित कंपनियों को मेल भेजकर पिछले तीन साल का रिकॉर्ड मांगा गया है।
पुलिस अब उन महिलाओं से संपर्क करने की योजना बना रही है, जिनके साथ आरोपी ने अनुचित हरकतें की थीं। उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, और अगर कोई सामने नहीं आती, तो उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी।
जो मामला एक धार्मिक भड़कावे की पोस्ट से शुरू हुआ था, वह अब साइबर अपराध और महिलाओं के शोषण की गहरी जांच में तब्दील हो चुका है। पुलिस आरोपी के खिलाफ ठोस केस तैयार करने में जुटी है, ताकि उसे बेल न मिल सके और वह कानून के शिकंजे से बाहर न निकल पाए। यह घटना न सिर्फ डिजिटल सावधानी की चेतावनी है, बल्कि समाज के उस चेहरे की भी झलक देती है जो नकली प्रोफाइल और मीठी बातों के पीछे छिपा बैठा है।