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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पाक्सो एक्ट की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया

प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों की अनदेखी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि पुलिस अपने अधिकारी (डीजीपी) के आदेशों को भी नहीं मानती है। कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के उपबंधों पर अमल न करने को गंभीरता से लिया है और प्रमुख सचिव बाल कल्याण व डीजीपी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताने का निर्देश दिया है कि जुनैद केस के निर्देशों की अवहेलना करने वाले पुलिस अधिकारियों व बाल कल्याण समिति के अधिकारियों के खिलाफ क्या करवाई की गई है। कोर्ट ने दोनों शीर्ष अधिकारियों को कानून और कोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने फतेहपुर के जयहिंद उर्फ बाबू की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि डी जी पी ने पुलिस को सर्कुलर जारी कर जुनैद केस के निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया है, किन्तु अनुशासित पुलिस बल अपने अधिकारी के आदेश की भी अवहेलना कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि यदि पुलिस डीजीपी के आदेश नहीं मानती तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने आदेश की अवहेलना करने वाले मामलों की डीजीपी से  जानकारी मांगी है।

कोर्ट ने कहा कि बाल कल्याण समिति ने कोई वकील नहीं रखा, इसलिए पता नहीं कि उसने पाक्सो एक्ट का पालन किया या नहीं। इसलिए कोर्ट ने प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने जुनैद केस में पुलिस व बाल कल्याण समिति को अभियुक्त की जमानत अर्जी  का नोटिस मिलने पर पीड़ित पक्ष को जानकारी देने, उसके अधिकार बताने व मुफ्त वकील मुहैया कराने का निर्देश जारी किया है। डीजीपी ने भी सभी पुलिस थानों को इसका पालन करने का निर्देश दिया है। इस याचिका में सरकार द्वारा पेश जानकारी से निर्देशों की अवहेलना का खुलासा होने पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। सुनवाई आठ दिसंबर को होगी।

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