अखिलेश यादव का भाजपा पर हमला, बोले- मुख्यमंत्री का अपने ही जिले के अपराधों पर नियंत्रण नहीं
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर से सत्तारूढ़ दल बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है, “मुख्यमंत्री जी के बड़े बोल बोले थे कि उत्तर प्रदेश में अपराधी जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर. प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार और बेटियों की सुरक्षा के दावे भी दोहराये गए. लेकिन हकीकत में उक्त सभी दावे थोथे और निराधार पाए गए हैं. विडंबना यह है कि अपराध मुक्त प्रदेश का दावा करने वाले मुख्यमंत्री जी अपने जिले में हो रहे अपराधों पर ही नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं.”
अखिलेश यादव ने कहा, “गोरखपुर के राजघाट थाने के अंतर्गत एक व्यक्ति के मकान पर दबंगों ने कब्जे की कोशिश में मारपीट की. रास्ते का विवाद हल करने के लिए गुलरिहा थाने पर बुलाए गए पक्ष पर ग्राम प्रधान और उनके लोगों ने पुलिस के सामने ही ईंट से हमला कर सिर फोड़ दिया. इसी जनपद के पिपराइच में सत्ता संरक्षित दबंगों ने हरिवंश निषाद को पीटकर घायल कर दिया था.”
पत्रकारों और उनके परिवार पर हमले हो रहे हैं: अखिलेश
जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकार और उनका परिवार भी भाजपा सरकार में सुरक्षित नहीं रह गया है. गोरखपुर में ही दबंगों ने एक मीडियाकर्मी के घर में घुस कर पत्नी और बेटे पर जानलेवा हमला किया. रायगंज दक्षिण निवासी पत्रकार के मकान पर कब्जे की नीयत से दर्जनों असलहाधारियों ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की गई. पांच दिन पहले भी दबंगों ने पत्रकार को धमकाया था और घर पर हमला किया था. इस सम्बंध में केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की.
हर क्षेत्र में भाजपा सरकार में गिरावट नजर आती है: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा, “सच तो यह है कि न केवल कानून व्यवस्था अपितु प्रदेश के हर क्षेत्र में भाजपा सरकार में गिरावट नजर आती है. गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज खुद बीमार हो गया है, जहां असुविधाओं की भरमार है. पिछले करीब डेढ़ साल से मेडिकल कॉलेज में लगी तीन लिफ्टें बंद पड़ी हैं. बीमार लोग यहां की अव्यवस्थाओं से परेशान हैं.” उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार की सभी हदें पार हो गई है.
अपराधी तत्वों पर नियंत्रण कौन करेगा जब सत्ता से ही उन्हें संरक्षण मिल रहा हो? मुख्यमंत्री जी दुबारा सत्ता में तो आ गए परन्तु अब प्रशासन पर उनकी पकड़ नहीं रह गई है. वे बस अपने दिन गिन रहे हैं.