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सपा व रालोद में सीट बंटवारे से पहले अखिलेश व जयंत की मेरठ में पहली संयुक्त रैली आज

गठबंधन की राजनीति में उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मंगलवार को रालोद-सपा का पहला लिटमस टेस्ट होगा। चौधरी अजित सिंह के बाद रालोद का यह पहला गठबंधन है। सपा भी अखिलेश यादव के नेतृत्व में पहली बार रालोद के साथ गठबंधन करते हुए चुनावी रथ पर सवार हो रही है। ऐसे में अखिलेश यादव और चौधरी जयंत की एकसाथ मंच पर मौजूदगी का परिवर्तन संदेश सुनने के लिए देशभर के राजनीतिक दिग्गजों की नजर रहेगी। रालोद का ’गढ़’ माने जाने वाले मेरठ-सहारनपुर मंडल के इन नौ जिलों में चौधरी जयंत की भी बड़ी परीक्षा होगी। चौधरी अजित सिंह के बाद रालोद पहली बार गठबंधन के साथ अपनी राजनीतिक ताकत की पुन: वापसी के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोंकने जा रहा है।

मंगलवार की परिवर्तन रैली में दोनों पार्टियों का फोकस युवाओं पर रहेगा। दोनों ही पार्टियों से युवाओं ने अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। रालोद छात्रसभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव बालियान के अनुसार रैली में युवाओं की मौजूदगी भविष्य की राह दिखाएगी। प्रत्येक जिले से रालोद छात्रसभा पांच-पांच बसों के साथ युवाओं को लेकर रैली में पहुंच रही है। डॉ.बालियान के अनुसार युवा बदलाव चाहते हैं।

सोमवार को रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद, क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह, जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़, महासचिव विनय मल्लापुर, प्रदेश मीडिया संयोजक सुनील रोहटा आदि ने दबथुवा में रैली स्थल पर पहुंचकर तैयारियों को परखा। सुनील रोहटा, विनय मल्लापुर के अनुसार सपा-रालोद की यह रैली ऐतिहासिक रहेगी। रालोद के प्रदेश मंत्री संगठन डॉ.राजकुमार सांगवान के मुताबिक रालोद-सपा की मंगलवार की परिवर्तन संदेश रैली प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राजनीति के लिए बदलाव का बड़ा संदेश देकर जाएगी। दोनों पार्टियां इस रैली को ऐतिहासिक बनाएंगी। रैली के लिए रालोद छात्रसभा के क्षेत्रीय अध्यक्ष आदित्य पंवार, रालोद महिला विंग की जिलाध्यक्ष आरती मलिक और योगेश फौजी सहित सभी पदाधिकारियों ने तैयारियों को आंका। सुबह 10 बजे तक रालोद नेता पहुंच जाएंगे।

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