अखिलेश यादव बोले- कौन राजा भैया…, मैं तो नहीं जानता, जानें- क्यों रघुराज प्रताप सिंह से नाराज हैं सपा अध्यक्ष
प्रतापगढ़: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने चुनावी अभियान को धार देने रविवार को यूपी के प्रतापगढ़ पहुंचे। यहां जनसभा के बाद पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आखिर सपा सरकार में मंत्री रहे कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से इतनी नाराजगी क्यों है? इस पर अखिलेश ने कहा- ‘कौन हैं राजा भैया… ये कौन हैं?’ सपा और राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के बीच गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल का भी अखिलेश ने जवाब देने से इनकार कर दिया।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में राजा भैया की अपनी अलग ही छवि है। उन्हें समाजवादी पार्टी के समर्थक के रूप में देखा जाता है। पिछले दिनों सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के मौके पर राजा भैया उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे। इसके बाद से राजनीतिक कयासबाजी का दौर चल रहा था।
मुलायम से मुलाकात के बाद नए समीकरण की थी चर्चा
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष राजा भैया की मुलाकात को एक वर्ग ने सपा के गठबंधन की रणनीति से जोड़कर देखना शुरू कर दिया था। हालांकि, गठबंधन को लेकर अब तक समाजवादी पार्टी की ओर से किसी भी दल के साथ कोई ठोस घोषणा नहीं हो पाई है। हालांकि, अखिलेश लगातार छोटे दलों को साथ जोड़ अपना कुनबा बड़ा कर रहे हैं। वहीं, मुलायम सरकार में मंत्री रहे कुंडा विधायक की मुलाकात के बाद भले ही चर्चे हुए, लेकिन दोनों ही पक्ष से कुछ ठोस संकेत नहीं मिल पाए। अब अखिलेश यादव के बयान ने साफ कर दिया है कि उनकी नाराजगी अब तक कम नहीं हुई है।
बसपा से गठबंधन के बाद नाराज थे राजा भैया
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया। इस गठबंधन के कारण राजा भैया की नाराजगी सामने आई थी। अखिलेश यादव के साथ भी उसी समय से राजा भैया के रिश्ते खराब होने शुरू हुए। गठबंधन के बाद राज्यसभा चुनाव 2019 के दौरान दोनों नेताओं के रिश्तों में कड़वाहट घुल गई। दरअसल, अखिलेश चाहते थे कि राजा भैया गठबंधन के तहत राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को वोट दें। लेकिन, उन्होंने मायावती के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी को वोट दे दिया।
भाजपा से नजदीकी की भी लगी थीं अटकलें
राज्यसभा चुनाव 2019 में भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के बाद राजा भैया की भाजपा के साथ नजदीकी बढ़ने की भी अटकलें लगने लगी थी। इसके बाद राजा भैया ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रत्याशी ने देने का भी ऐलान किया। लेकिन, मुलायम सिंह यादव के साथ मुलाकात और अखिलेश यादव के साथ बातचीत के बाद उनके अगले कदम को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि वे भी अखिलेश यादव की ओर से जयंत चौधरी, कृष्णा पटेल, ओम प्रकाश राजभर जैसे नेताओं को साथ लेने के प्रयासों के साथ खुद को भी इस सूची में शामिल करना चाहते हैं।
भाजपा को रोकने की कर रहे बात
राजा भैया ने पिछले दिनों मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद कहा था कि वे प्रदेश में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए कोई भी कदम उठाएंगे। इसके बाद से सपा के साथ गठबंधन की बात हो रही है। हालांकि, उन्होंने पहले 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी। ऐसे में सपा उनकी उम्मीदों को कितना पूरा करती है, वह देखना होगा। बहरहाल, अखिलेश के बयान की चर्चा है। उन्होंने राजा भैया के साथ चुनावी गठबंधन के सवाल पर ही सवाल दाग दिया है। कौन हैं राजा भैया, इस सवाल पर अब राजनीति गरमा गई है।