नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री (सीएसएएम) का ऑनलाइन प्रसार किये जाने के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शनिवार को देश के 21 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 59 स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में 50 से अधिक संदिग्ध निगरानी के दायरे में हैं। अधिकारियों ने बताया कि ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ के तहत ये छापे मारे गए। उन्होंने बताया कि तलाशी हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड, कर्नाटक,केरल, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में ली गई।
दो मामले दर्ज किये जाने के बाद छापेमारी शुरू
उन्होंने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत एजेंसी द्वारा दो मामले दर्ज किये जाने के बाद यह छापेमारी शुरू की गई। ये मामले सिंगापुर स्थित इंटरपोटल की इकाई ‘क्राइम अगेन्स्ट चिल्ड्रेन’ (सीएसी) से मिली जानकारी के आधार पर दर्ज किये गए हैं। सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि जांच एजेंसी संदिग्धों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाई गई अवैध सामग्री के बारे में उनसे पूछताछ कर रही है, ताकि पीड़ितों और उनका उत्पीड़न करने वालों की पहचान की जा सके।
अभियान को ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ कोड नाम दिया
उन्होंने कहा, ‘‘यह आरोप है कि क्लाउड आधारित भंडारण के आधार पर कई भारतीय नागरिक बाल यौन उत्पीड़न से जुड़ी सामग्री का प्रसार/डाउनलोड/प्रसारण में संलिप्त हैं।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इंटरपोल को न्यूजीलैंड के कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मिली उक्त सूचना का सीबीआई द्वारा विश्लेषण किया गया। अभियान ‘क्लाउड’ भंडारण सेवाओं पर लक्षित है, जिसका इस्तेमाल यौन उत्पीड़न से जुड़ी सामग्री बेचने वाले लोग बच्चों के साथ अवैध यौन कृत्यों के ‘ऑडियो-विजुअल’(श्रव्य-दृश्य वीडियो) प्रसारित करने के लिए करते हैं। इसी के चलते इस अभियान को ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ कूट नाम दिया गया।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की साइबर फोरेंसिक उपकरणों के जरिये की गई शुरूआती जांच में कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सीएसएएम की भारी मात्रा में मौजूदगी का खुलासा हुआ। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ हाल के समय में सीबीआई नीत वैश्विक अभियानों में एक सबसे बड़ा अभियान है। सीबीआई अगले महीने 90वें इंटरपोल महासभा की मेजबानी करने वाली है।