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घंटों कोपभवन में रहने के बाद मान गए हरक, कहा- बहुत नाराज था…छोटे भाई धामी पर बना रहेगा आशीर्वाद

देहरादून: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Cabinet Minister Harak Singh Rawat) के इस्तीफे की खबर ने देहरादून से दिल्ली तक बीजेपी में खलबली मचा दी थी.कोटद्वार मेडिकल कॉलेज को लेकर ये पूरा घमासान मचा. वहीं इस्तीफे की धमकी के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार और भाजपा संगठन ने आखिरकार हरक सिंह को मना लिया गया है. सीएम से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी मेरे छोटे भाई हैं और मेरा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है. हरक सिंह रावत ने आगे कहा कि मैं बहुत दुखी था, क्योंकि साढ़े 4 साल से मेडिकल कॉलेज नहीं बना पाया है. वहीं सीएम के आश्वासन के बाद उनकी नाराजगी दूर हो गई है.

मेडिकल कॉलेज जनता के लिए: गौर हो कि कोटद्वार मेडिकल कालेज के विषय को लेकर नाराज चल रहे हरक सिंह ने कई घंटे सीएम पुष्कर सिंह रावत से बातचीत की. पिछले 24 घंटे से गायब हरक सिंह रावत रात 12:13 बजे सीएम आवास से निकले. हरक सिंह रावत ने कहा कि जो नाराजगी थी उसकी वजह यह थी कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव नहीं आया था, मुख्यमंत्री से बात हुई है और मुझे आश्वासन दिया गया है कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनेगा और उसके लिए 25 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं.मीडिया से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा कि मेडिकल कॉलेज सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि जनता के लिए है.

अब मेरी नाराजगी नहीं: मेडिकल कॉलेज बनने से लोगों को सुविधाएं मिलेगी, इसलिए मैं इस बात से नाराज था कि मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया जा रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री से बातचीत होने के बाद मुझे आश्वासन मिला है कि जल्द मेडिकल कॉलेज वहां बनाया जाएगा. हरक सिंह रावत ने कहा कि मेरी अब कोई नाराजगी नहीं है, हालांकि जब मैं नाराज था तो मैं कैबिनेट के बीच में से ही उठकर वापस चला गया. हरक सिंह ने यह भी कहा कि मैं कोई इस्तीफा नहीं दे रहा हूं.

सीएम धामी मेरे छोटे भाई: हरक सिंह रावत ने कहा कि कोई भी मेडिकल कॉलेज किसी एक व्यक्ति यह क्षेत्र के नहीं होता बल्कि वह तमाम लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए होता है. हरक सिंह रावत ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी मेरे छोटे भाई हैं और मेरा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है. हरक सिंह रावत ने आगे कहा कि मैं बहुत दुखी था, क्योंकि साढ़े 4 साल से मेडिकल कॉलेज नहीं बना पाया है.

जानिए क्या है मामला: बता दें कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज को अधर में लटकाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार शाम को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत मंत्रीमंडल की बैठक छोड़कर चले गए थे. साथ ही वो मंत्री पद से इस्तीफा देने के बात भी कह गए थे. तभी से उनको मनाने की कोशिश चल रही हैं. हालांकि अभीतक कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने लिखित रूप में अपना इस्तीफा नहीं दिया है. लेकिन यदि हरक सिंह रावत बीजेपी को छोड़ते हैं तो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी लिए ये बड़ा झटका होगा.

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