पंजीकरण कराए बगैर खाद्य सामग्री बेचने वालों पर इसी हफ्ते से कार्रवाई
नोएडा: पंजीकरण कराए बगैर खाद्य सामग्री बेच रहे लोगों के खिलाफ जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग इसी सप्ताह से अभियान चलाने जा रहा है। सुरक्षा मानकों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। बगैर लाइसेंस चाट-पकौड़ी, समोसा, चाय समेत कोई भी खाद्य सामग्री बेचने पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। वहीं, सालाना 12 लाख से अधिक का फूड कारोबार करने वाले व्यापारियों को छह माह की सजा भी हो सकती है। कार्रवाई की जद में फुटपाथ पर पान, फल-सब्जी, चाट-पकौडी और चाय बेचने वाले भी आएंगे।
जिला प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि खाद्य सामग्री बेचने और व्यापार करने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से लाइसेंस की जरूरत होती है। यह लाइसेंस नबंर एक 14 डिजिट पंजीकरण संख्या है। खाद्य पैकिंगों पर भी यह अंकित होती है, लेकिन छोटे व्यापारी विभागीय पचड़ों में न पड़कर बिना पंजीकरण कराए ही फुटपाथ, बाजार और अस्पताल के बाहर ठेला, टपरी डालकर चाट पकौड़ी, कचौड़ी, जलेबी व चाय के अलावा फल-सब्जियों और पान की दुकान लगा लेते हैं। इनकी खाद्य गुणवत्ता के बारे में विभाग के पास कोई जानकारी नहीं होती। कई बार ऐसी दुकानों का खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग समेत अन्य बीमारी लोगों को अपनी जद में ले लेती है। मेडीकल स्टोर, देशी- विदेशी शराब, बीयर ठेकेदारों के अलावा राशन दुकानदारों को भी यह लाइसेंस अनिवार्य होगा।
जिले में श्रेणियों के आधार पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने लाइसेंस दिए हुए हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिले में 12 लाख से कम का फूड बिजनेस करने वाले 19 हजार लोगों के पास लाइसेंस हैं, जबकि 12 लाख से अधिक का व्यापार करने वाले 4,070 लाइसेंस जारी किए गए हैं। इसके अलावा 750 सेंट्रल लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिनका सालाना फूड बिजनेस 20 करोड़ से अधिक है। साथ ही, यह खाद्य सामग्रियों का आयात व निर्यात भी करते हैं, लेकिन जिलेभर में विभिन्न शिक्षण संस्थानो, अस्पतालों व बाजारों में अभी भी लोग साइकिल, स्कूटर समेत अन्य सवारियों पर खाद्य सामग्री बेचते हैं।
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घर बैठे ऑनलाइन कर सकतें हैं आवेदन
खाद्य पदार्थों की बिक्री के लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। दस्तावेजों की जांच व सत्यापन के बाद करीब दो महीने में आवेदक को लाइसेंस उपलब्ध करा दिया जाता हैं। पंजीकरण अथवा लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म खुलेगा। इसमें आए आप्शनों को भरें। मूल पंजीकरण का नया आवेदन करने के लिए 100 रुपये प्रति वर्ष फीस देय होती है। यह पंजीकरण अधिकतम पांच वर्षों तक वैध रहता है। पांच वर्ष बाद पुन: आवेदन प्रक्रिया की जाती है। 12 लाख से कम की वार्षिक टर्नओवर करने वाले दुकानदारों को 100 रुपये का ट्रेजरी विभाग के खाते में पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा। वहीं, 12 लाख से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर पर दो से साढ़े सात हजार शुल्क अदायगी करनी होगी।
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लाइसेंस के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता
फोटो पहचान प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, परिसर (भूमि पत्रों या किराये के समझौते) के कब्जे का सबूत, सर्टिफिकेट ऑफ ईं-कोरपोरेसन/पार्टनरशिप डीड के लेख, यदि लागू हो तो।
—कोट:
दुकानदारों को लाइसेंस जरूर लेना चाहिए, इससे वह जुर्माने से बच सकते हैं। अभियान के दौरान यदि कोई भी बिना पंजीकरण/लाइसेंस के व्यापार करता पाया गया तो कार्रवाई होगी।
– संजय शर्मा, जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी