थप्पड़ का बदला लेने के लिए की भाई की हत्या, आरोपी मौके से फरार - न्यूज़ इंडिया 9
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थप्पड़ का बदला लेने के लिए की भाई की हत्या, आरोपी मौके से फरार

गाजीपुर। सादात थाना क्षेत्र के हुसेपुर में हुई हत्या को लेकर पूरे गांव में सन्नाटा है। हर कोई इस बात को लेकर हैरान है कि आखिर बड़े भाई (मृतक) ने क्या कहकर थप्पड़ जड़ दिया जिसे लेकर उसके छोटे भाई के सिर पर खून सवार हो गया। वह घर में जाकर सीधे धारदार चाकू लाया और पिता समान बड़े भाई के सीने, पेट और पीठ पर घोंपने लगा, जिसे बचाने दौड़ी भाभी के पेट और पीठ में भी वार किया।
हुसेपुर गांव में सुबह 8:20 बजे के बाद राजबली यादव और उनके छोटे भाई कैलाश यादव के बीच विवाद हो गया। पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि मृतक के स्वर्गीय पिता नंदलाल यादव के नाम पर बिजली का कनेक्शन है। इसी कनेक्शन का बकाया बिल को लेकर कहासुनी हो गई। राजबली यादव ने कुछ कहते हुए आरोपी छोटे भाई कैलाश को एक थप्पड़ जड़ दिया, जिसके बाद वह तैस में आ गया और सीधे अपने घर में गया। बाहर चाकू लेकर निकला और सीधे बड़े भाई के सीने, पेट और पीठ पर कुल चार बार घोंप दिया। जिससे बचाने पत्नी चंद्रकला देवी दौड़ी। इधर, क्रोध में खून के प्यासे कैलाश ने उसपर भी चाकू से वार कर दिया। पुलिस के मुताबिक चंद्रकला के पेट और पीठ में चाकू के दो वार है।
वारदात के बाद हत्यारोपी मौके से फरार हो गया। वहीं, जेठ की हत्या और जेठानी की नाजुक हालत देख आरोपी की पत्नी भी अपने बच्चों को लेकर घर छोड़कर फरार हो गई है। मौके पर पर पहुंची पुलिस जांच और गिरफ्तारी के सिलसिले में आरोपी के ससुराल आजमगढ़ तक गई। लेकिन, वो वहां नहीं मिला। ग्रामीण इस विवाद को सामान्य तौर पर होने वाले गांव में झगड़े की तरह ही देख रहे थे। वजह कुछ दिन पहले राजबली यादव (मृतक) पंपिंग सेट के पास ही के समीप शौचालय का गड्ढा खोदवा रहे थे। इसे लेकर भी दोनों भाइयों में विवाद हुआ था। ग्रामीणों ने बताया कि मामला फिर रफा-दफा हो गया। लोगों ने समझा वैसे ही अभी मामला शांत हो जाएगा, लेकिन बात बढ़ गई।
ग्रामीणों ने बताया कि हुसैनपुर मधुकर गांव निवासी नंदलाल यादव के तीन पुत्रों में सबसे बड़े चंद्रबली यादव, राजबली यादव और कैलाश यादव है। पिता नंदलाल यादव के निधन के बाद तीनों भाइयों के बीच तीन बीघा खेत का बंटवारा हो गया था। जबकि हत्याराेपी कैलाश यादव के दरवाजे के पास स्थित पंपिंग सेट का संचालन अभी तीनों भाई सामूहिक रूप से कर रहे थे। राजबली यादव एलआईसी एजेंट थे। जबकि पत्नी चंद्रकला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। पुत्र पीयूष और आयुष सुबह कोचिंग थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि जब वह घर पहुंचेंगे तो अब कभी पिता से बात नहीं हो पाएगी। घटना की जानकारी होते ही कोचिंग छोड़ अस्पताल पहुंचे दोनों पुत्र पिता के शव और गंभीर रूप से घायल मां को देखकर दहाड़े मारकर रोने लगे।

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