अफगानिस्तान के फैजाबाद में लगे भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई तीव्रता
अफगानिस्तान के फैजाबाद से 116 किमी दक्षिण-पूर्व में मंगलवार सुबह करीब 3.23 बजे भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई. वहीं इसकी गहराई 120 किलोमीटर नीचे थी. हालांकि इस भूकंप से जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई है. अब सवाल उठता है कि आखिर ये भूकंप क्यों आते हैं?
दरअसल हमें शांत बिल्कुल शांत नजर आने वाली के धरती के अंदर उथल-पुथल मचती रहती है. इसी दौरान धरती के अंदर मौजूद प्लेटें एकदूसरे से टकराती हैं, जिसके चलते हर साल भूकंप आते रहते हैं.
20 हजार से ज्यादा भूकंप के झटके
मीडिया रिपोर्ऐट से मिली जानकारी के मुताबिक पूरी दुनिया में सालाना 20 हजार से ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. हालांकि कुछ रिसर्च का मानना है कि ये भूकंप हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में होते हैं. लेकिन इनकी तीव्क्योंरता बहुत कम होती है इसलिए सिस्मोग्राफ पर इनको दर्ज नहीं किया जाता है.
12 टैक्टोनिक प्लेटों पर मौजूद हैधरती
भू-विज्ञान की जानकारी के अनुसार धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर मौजूद है. इन्ही के टकराने से जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. बताया जाता है कि धरती के नीचे मौजूद प्लेटें बहुत धीमी रफ्तार से घूमती हैं. ये हर साल 4-5 मिमी खिसकती हैं. इस बदलाव में कोई प्लेट नीचे से खिसक जाती है, तो कोई दूर हो जाती है. इसी समय जब प्लेटों में टकराहट होती हो तभी भूकंप आता है.
कैसे बनता है भूकंप का एपिक सेंटर?
पृथ्वी के नीचे जहां चट्टानें टकराती हैं, उसे भूकंप का केंद्र कहा जाता है. पृथ्वी के केंद्र और भूकंप के केंद्र से जोड़ने वाली रेखा जहां पृथ्वी की सतह को काटती है, उसे भूकंप का एपिक सेंटर कहा जाता है. बता दें कि हमारी धरती सात भूखंडों से मिलकर बनी है. इनका नाम अफ्रीकी, अन्टार्कटिक, यूरेशियाई, भारतीय-आस्ट्रेलियाई, उत्तर अमेरिकी, प्रशान्त महासागरीय और दक्षिण अमेरिकी भूखंड है.
अफगानिस्तान में भूकंप आने का कारण?
अफगानिस्तान के सिस्मिकली क्षेत्र में अक्सर छोटे, बड़े भूकंप आते रहे हैं. यहां का उत्तर-पूर्व हिस्सा भूकंप के नजरिए से बेहद खतरनाक है. हिमालय और दूसरे क्षेत्र भी इस क्षेत्र में आता है. इसे आमतौर पर ग्रेट बेल्ट के तौर पर भी जाता जाना है, जो प्रशांत महासागर को घेर हुए है.