उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी में 5 साल के ट्रैफिक चालान माफ, योगी सरकार के बड़े ऐलान का ऐसे उठाएं फायदा

लखनऊ. योगी सरकार ने प्रदेश के निजी और कामर्शियल वाहन स्वामियों को बड़ी सौगात दी है. योगी सरकार ने यूपी में लंबे समय से वाहन चालान का भुगतान न करने वाले मालिकों को रियायत देते हुए उनका चालान निरस्त कर दिया है यानी माफ कर दिया है. सीएम योगी के इस फैसले से प्रदेश के लाखों वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली है. यह उन वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है जिनके अलग-अलग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में चालान काटे थे. ऐसे में जितने भी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच चालान काटे गये हैं उनके सभी चालान निरस्त कर दिए गए हैं साथ ही जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित है, यह सभी वाहनों पर लागू होते हैं.

2 जून 2023 के माध्यम से लागू की गयी व्यवस्था

परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालय में उपसमित वादों की सूची प्राप्त कर इन चालानों को पोर्टल से डिलीट कर दिए जाएं. यूपी सरकार के इस कदम से बाकी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. शासन की ओर से इस संबंध में निर्देश सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में भेज दिए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि न्‍यायालय में लंबित चालान की सूची प्राप्‍त कर ई चालान पोर्टल से इसे हटा दिया जाए. आदेश के मुताबिक, एक जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि में काटे गए चालानों को निरस्‍त किया जा रहा है.

किसानों ने दिया था धरना

परिवहन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 2 जून 2023 के माध्यम से यह व्यवस्था लागू की गई है कि पुराने लंबित चालान निरस्त करा दिए जाएं. मालूम हो कि नोएडा में किसान इस तरह से चालान को निरस्त करने की मांग करते हुए धरना दे रहे थे. इससे पूरे उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों के चालान माफ होने का रास्ता साफ हो गया है. इस अवधि के बाद वाले वाहन चालकों को घबराने की जरूरत नहीं है. आप घर बैठे ऑनलाइन ट्रैफिक चालान भर सकते हैं.

पूरी जानकारी वेबसाइट पर

यूपी ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी एकत्रित कर सकते हैं. इसके लिए सिर्फ गाड़ी का नंबर पता होना चाहिए. खास बात यह है कि गलत चालान पर आप यहीं से शिकायत भी कर सकते हैं. हालांकि, वाहन का चालान कटने पर मोबाइल नंबर पर भी मैसेज जाता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights