लखनऊ में 4 मंजिला रिहायशी इमारत ढही, 20 लोगों के दबे होने की आशंका, राहत कार्य जारी
कांग्रेस नेता जीशान हैदर की फेसबुक पोस्ट ‘कृपया मेरे परिवार के लिए प्रार्थना करें’ एक बहुमंजिला रिहायशी इमारत के मलबे में दबे लोगों के परिजनों के दर्द, पीड़ा और दुख को बयान करने के लिए काफी है. लखनऊ की वरिष्ठ पत्रकार कुलसुम तल्हा के लिए लखनऊ के हजरतगंज में एक बहुमंजिला आवासीय इमारत के गिरने की खबर किसी सदमे से कम नहीं थी क्योंकि उन्हें अपनी बेटी, नाती और एक अन्य रिश्तेदार के मलबे में फंसे होने की आशंका थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यह हादसा शाम करीब छह बजकर 45 मिनट पर हुआ.
अपनी बेटी उजमा, नाती मुस्तफा और अन्य लोगों को अपनी आंखों के सामने मलबे से सुरक्षित निकलवाने के लिए कुछ रिश्तेदारों के साथ मौके पर जाने को आतुर कुलसुम को बड़ी मुश्किल से रिश्तेदार रोक पाए. उन्होंने उनसे अल्लाह से सबकी सलामती की दुआ करने को कहा. दुख की इस घड़ी में कुलसुम के लिए राहत की खबर आई जब उन्होंने सुना कि उज्मा के बेटे मुस्तफा को बचा लिया गया है और उसका इलाज चल रहा है.
सड़क पर यातायात प्रतिबंधित
इमारत ढहने की जगह तैनात पुलिसकर्मियों को शोकाकुल परिजनों को नियंत्रित करने और उनसे संकट की घड़ी में संयम बरतने का आग्रह करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. साथी अफसर भी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बचाव वाहनों को शुरुआत में घटनास्थल तक पहुंचने में मुश्किल हो रही थी क्योंकि सड़क अपेक्षाकृत संकरी थी. हालांकि, जैसे ही हादसे की खबर फैली, स्थानीय निवासियों और आसपास के अन्य आगंतुकों ने अपने चारपहिया वाहनों को सड़क से हटा कर उसे खाली कर दिया. वहीं पुलिस ने हालात को देखते हुए दैनिक जागरण चौराहे से वजीर हसन रोड स्थित अपार्टमेंट तक सड़क पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया.
मीडिया से बात करने से इनकार
इस बीच, आस-पास के घरों, अपार्टमेंट और कॉलोनी के निवासी अपनी बालकनी से बचाव कार्यों को देखते नजर आये. इमारत के अधिकांश पड़ोसियों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनके चेहरे पर सदमा, डर और दुख साफ नजर आ रहा था. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह को एक घायल को अस्पताल ले जाते देखा गया.
छह बजकर 47 मिनट पर कम्पन महसूस
बचाव कार्य में लगे एक दमकल कर्मी ने बताया, ‘जिस जगह इमारत गिरी थी, वहां एक महिला दबी हुई थी, जिसे हमने ईंट तोड़कर और लकड़ी काटकर बाहर निकाला. वह सुरक्षित है.’ इलाके की रहने वाली अनुजा ने बताया ‘मैं अपने फ्लैट में थी. शाम करीब छह बजकर 47 मिनट पर हमें कम्पन महसूस हुआ. मुझे लगा कि यह भूकंप के कारण हुआ है. लेकिन मुझे घर से बाहर आने के लिए इसलिए कहा गया, क्योंकि पास का एक अपार्टमेंट ढह गया था. अपार्टमेंट में लगभग सात-आठ परिवार रह रहे थे.’
राहत कार्य में जुटे बचाव दल
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास भी इमारत रहने वालों का हालचाल जानने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. बचाव कार्य के बीच फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली भी उज्मा का हालचाल पूछते नजर आए. इस बीच, लखनऊ के जोपलिंग रोड निवासी जेपी सिंह, जिनके दोस्त जर्जर इमारत के बगल में एक घर में रहते हैं, ने राहत की सांस ली कि उनके दोस्त और उनके परिवार के सदस्य सुरक्षित हैं. गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में वजीर हसन रोड पर स्थित बहुमंजिला इमारत मंगलवार शाम अचानक ढह गई. इस घटना में घायल सात लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बचाव दल राहत कार्य में जुटे हैं.