12 कुत्तों का हमला, 36 चोट के निशान…. 24 घंटे में जिंदगी की जंग हार गई गुंजन
आगरा मैं खूंखार कुत्तों का शिकार हुई बच्ची गुंजन की इलाज के दौरान मौत हो गई । करीब 24 घंटे तक दिव्यांग बच्ची गुंजन मौत से लड़ती रही और आखिर में जिंदगी की जंग हार गई । जिला अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई । देर शाम जैसे ही इस बात की जानकारी बच्ची के परिजनों को हुई परिवार में कोहराम मच गया । बच्ची की मौत पर अस्पताल के चिकित्सक भी दुखी हैं । डिप्टी सीएमएस डॉ सी पी वर्मा ने बच्ची की मौत की पुष्टि की ।
फोन पर हुई बातचीत में डॉ सी पी वर्मा ने बताया कि अचानक बच्ची की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई । बच्ची गुंजन को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया गया । सिकंदरा थाना क्षेत्र के देहतोरा की रहने वाली बच्ची गुंजन को घर के बाद सुबह 5:30 बजे खूंखार कुत्तों घेर लिया था । आधा दर्जन से ज्यादा कुत्तों ने गुंजन को जगह-जगह नोच खाया था । खून से लथपथ गुंजन को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था । गुंजन के शरीर में करीब 20 से भी ज्यादा टांके लगाए गए थे । हर कोई बच्ची की जान की सलामती की दुआ मांग रहा था लेकिन कुत्तों की हैवानियत के आगे बच्ची की सांसे दम तोड़ गई ।
आगरा में आवारा कुत्तों का आतंक , अधिकारियों का नहीं है कोई ध्यान , आम जनता बेहद परेशान
आगरा में गली-गली आवारा कुत्तों का आतंक है आवारा कुत्ते अब जानलेवा हो चुके हैं लेकिन अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है जिला अस्पताल में हर दिन सैकड़ों की संख्या में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीज पहुंचते हैं लेकिन हालातों में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है ।नआगरा में अधिकारी मस्त हैं और जनता बुरी तरह त्रस्त है ।
मुख्यमंत्री जी इस ओर भी ध्यान दीजिए , जनता को कुत्तों से बचाइए
आगरा में कुत्तों के आतंक से हर कोई परेशान है । अधिकारी भी हालातों से भलीभांति वाकई ह लेकिन कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य है । ऐसे में अब आम जनता को मुख्यमंत्री से उम्मीद है । आम जनता मुख्यमंत्री से गुहार लगा रही है कि उन्हें कुत्तों से बचाइए । क्योंकि अधिकारी उनकी सुनते नहीं और कुत्ते उन्हें काटने से छोड़ते नहीं ऐसे में अब सूबे के मुखिया लोगों की मदद कर पाए तभी उन्हें राहत मिल पाएगी क्योंकि अधिकारी एसी दफ्तरों में बैठकर कागजों पर हवाई दावे कर रहे हैं । और खूंखार कुत्ते बच्चियों की जान ले रहे हैं ।
मामला सिकंदरा थाना क्षेत्र के देहतोरा गांव का है। गांव में एक मासूम बच्ची गुंजन रहती है । गुंजन बोल नहीं सकती । गुंजन की मां नहीं है । गुंजन के पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। सुबह 5:30 बजे गुंजन अपने घर से बाहर निकल गई। बाहर गली में घूम रहे खूंखार कुत्तों ने मासूम गुंजन को घेर लिया । गुंजन पर हमला कर दिया । आधा दर्जन से ज्यादा कुत्तों ने गुंजन को जगह-जगह नोच खाया । कुत्तों के हमले से गुंजन चीखी चिल्लाई तो आसपास लोगों की भीड़ जुट गई । लोगों ने ही खूंखार कुत्तों को गुंजन के पास से हटाया । गुंजन की जैसे तैसे जान बचाई । आनन-फानन में लोग खून से लथपथ गुंजन को जिला अस्पताल लेकर आए।
गुंजन की हालत देखकर जिला अस्पताल के चिकित्सक भी एक बार को सन्न रह गए । मासूम के गुंजन के शरीर पर कुत्तों के नोच खाने के दर्जनों घाव मौजूद थे। मासूम बच्ची को कुत्तों ने बेरहमी से जगह जगह काटा था । आनन-फानन में गुंजन को जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया । ऑपरेशन थिएटर में भर्ती कर गुंजन का इलाज किया गया। चिकित्सकों ने तत्काल मरहम पट्टी की । गुंजन का उपचार किया।
गुंजन के शरीर में करीब 20 से भी ज्यादा टांके लगाए गए हैं । गुंजन के इलाज के लिए 8 चिकित्सकों की टीम लगाई गई है । गुंजन का पूरा शरीर से भरा हुआ है । कुछ बोल नहीं पा रही लेकिन दर्द से पल-पल कराह रही है। देर शाम अचानक बच्ची की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।