पन्नू की अमेरिका में हत्या की साजिश पर पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सबूत मिले तो करेंगे जांच
लंदन/नई दिल्ली: अमेरिका में भारतीय अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप लगाए जाने के बाद पीएम मोदी ने पहली बार अपना बयान दिया है। पीएम मोदी ने साफ कहा है कि अगर भारतीय साजिश के बारे में कोई भी सबूत दिया जाता है तो वह इस पर निश्चित रूप से ‘विचार’ करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ‘कुछ घटनाएं’ भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती को पटरी से नहीं उतार सकती हैं। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने साफ कहा कि अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है तो हम उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है। पीएम मोदी ने इसी दौरान विदेशों में मौजूद कुछ अतिवादी गुटों की गतिविधियों पर गंभीर चिंता जताई।
पीएम मोदी ने कहा, ‘अतिवादी तत्व अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर धमकाने में जुटे हैं और हिंसा को उकसा रहे हैं।’ इससे पहले भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश करने के आरोप लगे हैं। अमेरिका उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है। भारत ने साल 2020 में खालिस्तानी पन्नू को आतंकी घोषित किया था जो आतंकवादी गुट सिख फॉर जस्टिस का नेतृत्व करता है। भारत ने बार बार कहा है कि पश्चिमी देश खालिस्तानी आतंकवाद को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
‘भारत और अमेरिका की दोस्ती पर नहीं पड़ेगा असर’
भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती पर पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक सहयोग हमारी भागीदारी के प्रमुख तत्व हैं। उन्होंने कहा कि मैं नहीं समझता हूं कि कुछ घटनाओं का असर भारत और अमेरिका की दोस्ती पर पड़ेगा। पीएम मोदी ने कहा कि मैं नहीं समझता हूं कि यह उचित होगा कि कुछ घटनाओं को दो देशों के बीच राजनयिक संबंधों से जोड़ा जाए। पन्नू की हत्या की कथित साजिश पर बाइडन के चिंता जताने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दोनों ही देशों की ओर से आपसी रिश्ते को मजबूत करने के लिए पूरजोर समर्थन है। यह एक परिपक्व और स्थिर भागीदारी का संकेत है।
बता दें कि बीते दिनों पीएम मोदी राजकीय यात्रा पर अमेरिका गए थे और बाइडन ने उनका जोरदार स्वागत किया था। इसके बाद बाइडन जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। अमेरिका और भारत दोनों ही उच्च तकनीक से लेकर रक्षा तक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। इससे पहले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी भारतीय खुफिया एजेंटों पर एक अन्य खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। कनाडा के पीएम भारत के बार-बार सबूत मांगने के बाद भी आज तक कुछ ठोस नहीं दे सके हैं।