जिंदगी की जंग हारी पिस्टल से घायल महिला, कनपटी के पास लगी थी दारोगा के हाथों चली गोली - न्यूज़ इंडिया 9
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जिंदगी की जंग हारी पिस्टल से घायल महिला, कनपटी के पास लगी थी दारोगा के हाथों चली गोली

उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ में दरोगा के पिस्टल से चली गोली लगने से घायल महिला ने आखिरकार दम तोड़ दिया है. यह महिला बीते 128 घंटे से मौत से जूझ रही थी. ऊपरकोट नगर कोतवाली के मुंशीयाने में बीते 8 दिसंबर को इस महिला को गोली लगी थी. उस समय यह महिला कोतवाली में अपने पासपोर्ट के वैरिफिकेशन के लिए पहुंची थी. इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात दारोगा मनोज शर्मा की सरकारी पिस्टल से अचानक गोली चल गई.

इस घटना में 55 वर्षीय महिला इशरत गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी. उसे आनन फानन में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान बुधवार की देर रात उसकी मौत हो गई है. अलीगढ़ के एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक आरोपी दरोगा मनोज शर्मा अभी फरार है. उसके खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. पुलिस उसके खिलाफ 20 हजार रुपये का इनाम घोषित कर उसकी तलाश कर रही है. इसी के साथ इस वारदात में थाने के मुंशी को अरेस्ट कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक इशरत के शव का डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि इशरत निगार कोतवाली के तुर्कमान गेट चौकी क्षेत्र के हड्डी गोदाम इलाके में रहने वाले ताला व्यापारी शकील खां की पत्नी थीं. उनके पासपोर्ट का सत्यापन होना था. इसी सिलसिले में बेटे ईशान संग 8 दिसंबर को वह कोतवाली पहुंची थीं. उस समय दोपहर के करीब ढाई बज रहे थे.वह मुंशियाने में तैनात मुंशी से बात कर रही थीं.

मैगजीन निकाले बिना सौंपी थी पिस्टल

इतने में मुंशी ने दरोगा मनोज शर्मा को मालखाने से उनकी सर्विस पिस्टल निकालकर दी. इसके बाद दरोगा वहीं खड़े-खड़े पिस्टल को चेक करने लगे और गोली चल गई. दरअसल दरोगा को लगा कि पिस्टल का चैंबर खाली है, लेकिन मैगजीन भरी होने चलते ट्रिगर दबते ही गोली चली और दरवाजे के पास खड़ी महिला इशरत निगार की कनपटी को छेदते हुए निकल गई. आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां मंगलवार को डॉक्टरों ने दो घंटे की मसक्कत के बाद इशरत के सिर का ऑपरेशन कर घाव की सफाई तो कर दी, लेकिन उसे होश नहीं आया और आखिरकार बुधवार को उसने दम तोड़ दिया.

जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.एम हारिस ने महिला की मौत की पुष्टि की है. उधर, सीओ प्रथम अभय पांडेय ने बताया कि इस मामले में इटावा फतीहपुर निवासी मुंशी सुदीप के खिलाफ विभागीय जांच कराई गई है. इसमें पाया गया है कि पासपोर्ट का कार्य उसके पास नहीं होने के बाद भी उसने इशरत को फोन कर थाने बुलाया था. जांच में यह भी पुष्टि हुई है कि वारदात के बाद दरोगा और मुंशी दोनों भाग गए थे. जबकि उनकी पहली जिम्मेदारी जख्मी महिला को अस्पताल पहुंचाने की थी.

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