ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई पत्नी, गुस्साए पति ने दुपट्टे से गला घोंटकर मार डाला
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के नंदग्राम इलाके में एक 30 वर्षीय शख्स ने अपनी पत्नी को गला घोंट कर मार डाला. पत्नी का कसूर इतना था कि वह अपने ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नहीं पहुंची थी. पत्नी अपने मायके (गाजियाबाद) में थी. इसी बात से आगबबूला हुए पति ने अपनी ससुराल जाकर पत्नी का क़त्ल कर दिया. पत्नी की हत्या करने वाले व्यक्ति का नाम बिजेंद्र कुमार है. वह मेरठ का निवासी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 24 साल की पत्नी का नाम संध्या है. उसकी दादी को बुधवार को अपने कमरे में संध्या मृत मिली. इस मामले की जानकारी देते हुए DCP निपूर्ण अग्रवाल ने बताया कि, फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच आरंभ की. संध्या अपने बिस्तर पर मृत पड़ी हुई थी. गर्दन के चारों तरफ एक दुपट्टा था और गला घोंटने के निशान थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि महिला का कपड़े से गला घोंटा गया था. पुलिस ने बताया कि 3 माह पहले ही संध्या की मेरठ में सीमेंट फैक्ट्री के एक ट्रक ड्राइवर बिजेंद्र के साथ शादी हुई थी. बिजेंद्र ने हत्या के दिन पत्नी संध्या को कई दफा कॉल किया था.
इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि 19 मार्च को अपने चाचा के देहांत के बाद वह अपने माता-पिता के घर गाजियाबाद गई हुई थी. दो दिन बाद बिजेंद्र के पिता का भी देहांत हो गया. बिजेंद्र ने पत्नी संध्या को ससुर की अंतिम संस्कार के लिए ससुराल लौटने के लिए कहा. लेकिन, पत्नी नहीं आई. पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद बिजेंद्र गाजियाबाद स्थित अपनी ससुराल पहुंच गया. ससुराल पहुंचने के बाद उसने चाय नाश्ता किया और ससुराल में खाना भी खाया. उसके बाद उसने अपनी पत्नी को रूम में बंद करके उसके हाथ बांध दिए. उसका गला दबा दिया. फिर उसने अलमारी खोली और दूसरा दुपट्टा निकालकर उससे संध्या का गला घोंट दिया.
इसे ख़ुदकुशी का रूप देने के लिए आरोपी ने संध्या के हाथ खोल दिए और दुपट्टे को बिस्तर के नीचे फेंक दिया. उसने शरीर को बिस्तर पर छोड़ दिया. महिला की लाश के गले में दुपट्टा था. इस वारदात की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी बिजेंद्र को अरेस्ट कर लिया है. इसके बाद ही उसने ये पूरी बाते पुलिस को बताई हैं. बिजेंद्र ने यह भी बताया कि उसने अपनी पत्नी को इसलिए मारा है कि उसके नाज़ायज़ संबंध होने का भी शक था.