अंतर्राष्ट्रीय

चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे किन भारतीय छात्रों को मिलेगा लाइसेंस? दूतावास ने बताया

भारतीय स्टूडेंट्स चीन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में वहां पहुंचते हैं. चीन समेत दुनिया के अलग-अलग देशों से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए टेस्ट देना होता है. इसके बाद ही उन्हें भारत में मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस मिलता है. हालांकि, हाल के घटनाक्रम को देखते हुए China में MBBS के लिए गए मेडिकल स्टूडेंट्स के कई सवाल हैं, जो उन्हें परेशान कर रहे हैं. इसमें एक सवाल ये है कि उन्हें मेडिकल प्रैक्टिस लाइसेंस हासिल करने के लिए किन एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करना होगा.

वहीं, अब बीजिंग में मौजूद भारतीय दूतावास ने चीन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए स्टूडेंट्स के सभी सवालों का जवाब दिया है. Indian Embassy ने एक बयान जारी कर कहा, ‘दूतावास को लगातार भारतीय स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके माता-पिता से चीन में क्लिनिकल मेडिकल प्रोग्राम की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं. दूतावास से पूछा जा रहा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा करवाए जाने वाले एग्जाम में शामिल होने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया क्या है.’

भारतीय दूतावास ने क्या दिया जवाब?

दूतावास ने कहा, ‘इस संबंध में स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता को बताया जाता है कि उन्हें एनएमसी द्वारा 18 नवंबर, 2021 जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन देखना चाहिए.’ भारतीय दूतावास द्वारा जारी किए गए बयान में आगे कहा गया, ‘एनएमसी ने क्लॉज 4(बी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स को संबंधित प्रोफेशनल्स रेगुलेटरी बॉडी के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए.’

इसमें आगे कहा गया, ‘जहां पर स्टूडेंट्स को पढ़ाई के बाद मेडिकल की डिग्री दी गई है. वहां पर वे मेडिकल प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस हासिल करने के काबिल हों. ये मेडिकल लाइसेंस उस देश के नागरिक को दिए जाने वाले लाइसेंस के बराबर होना चाहिए.’ दरअसल, विदेश से पढ़कर आने वाले डॉक्टर्स को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए FMGE एग्जाम क्लियर करना होता है.

ये स्टूडेंट्स नहीं दे पाएंगे FMGE एग्जाम

दूतावास ने संबंधित चीनी अधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों को कहा कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि चीन में मेडिकल की पढ़ाई करने आने वाले भारतीय स्टूडेंट्स पढ़े-लिखे, ट्रेंड और काम के लिए तैयार हों, ताकि वे एनएमसी की सभी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा कर पाएं.

इसने कहा कि नवंबर 2021 के बाद चीन में क्लिनिकल मेडिसिन प्रोग्राम में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स और चीन में मेडिकल डॉक्टर प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस हासिल करने में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को ‘फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन’ (FMGE) में बैठने की इजाजत नहीं मिलेगी.

क्या बिना मेडिकल लाइसेंस चीन में काम कर सकते हैं छात्र?

स्टूडेंट्स द्वारा एक सवाल ये भी पूछा जा रहा था कि क्या चीन में मेडिकल पढ़ाई करने और फिर मेडिकल प्रैक्टिस लाइसेंस हासिल करने में फेल होने के बाद भी स्टूडेंट्स चीनी अस्पतालों में असिस्टेंट डॉक्टर के तौर पर काम कर सकते हैं. ऐसा इसलिए ताकि वे अपने रहने का खर्चा ओर लोन भर पाएं.

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