ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर से हिंसा, डॉक्टरों का फूटा गुस्सा

नवजात की मौत के बाद परिजनों ने की डॉक्टर से मारपीट, कपड़े फाड़ने और गला दबाने के आरोप
नई दिल्ली। रोहिणी स्थित डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई हिंसा के खिलाफ डॉक्टरों का गुस्सा फूट पड़ा है। घटना के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने गुरुवार सुबह 10 बजे से ओपीडी सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया है।
यह निर्णय तब लिया गया जब नवजात की मौत के बाद नाराज़ परिजनों ने महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर मारपीट की। पीड़िता के अनुसार, ड्यूटी के दौरान जब वह अपने वार्ड की ओर जा रही थीं, तभी कुछ परिजनों ने उनका रास्ता रोका और उन पर हमला कर दिया, जिसमें उनके गले को दबाने और कपड़े फाड़ने जैसी गंभीर घटनाएं शामिल थीं।
इस शर्मनाक घटना ने न केवल डॉक्टर समुदाय को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि अस्पतालों में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन डॉक्टरों ने जांच को लेकर गहरी नाराज़गी जताई है। RDA के अध्यक्ष डॉ. अनिर्बान भौमिक का कहना है कि घटना के तुरंत बाद तैनात कांस्टेबल ने मदद से इनकार कर दिया और जांच अधिकारी ने पीड़िता को ही मुकदमेबाज़ी का डर दिखाया। आरोप है कि आरोपी की गिरफ्तारी के बावजूद उसे नियमानुसार 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया और पीड़िता का बयान भी समय पर रिकॉर्ड नहीं हुआ।
इसी को लेकर डॉक्टरों ने OPD बंद कर सख्त विरोध जताने का निर्णय लिया है। इसके अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखते हुए चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने फास्ट ट्रैक जांच, स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा कानून, 24 घंटे सुरक्षा और हेल्पलाइन शुरू करने जैसी मांगें उठाई हैं।
बुधवार को डॉक्टरों ने हाथों पर काली पट्टियां बांधकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया था, लेकिन अब आंदोलन ने ज़मीनी रूप ले लिया है। डॉक्टर्स ने साफ किया है कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलता और सुरक्षा के ठोस इंतज़ाम नहीं होते, विरोध जारी रहेगा।