खंडवा में मानवता शर्मसार, गैंगरेप पीड़िता की हालत देख कांपे ग्रामीण

बेटी ने मां को खून से लथपथ हालत में पाया, अस्पताल पहुंचने से पहले हुई मौत
खंडवा कांड से प्रदेश में आक्रोश, दरिंदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
खंडवा, मध्य प्रदेश — जिले के खालवा थाना क्षेत्र में 45 वर्षीय महिला के साथ बर्बर यौन हिंसा की घटना सामने आई है, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। पीड़िता गंभीर हालत में एक घर में अचेत अवस्था में मिली थीं। पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस अपराध की प्रकृति दिल्ली की निर्भया कांड से मिलती-जुलती बताई जा रही है।
पुलिस के अनुसार यह घटना आदिवासी बहुल क्षेत्र खालवा की है। पीड़िता दो बच्चों की मां थीं। शनिवार दोपहर उनकी बेटी ने उन्हें गांव के ही एक व्यक्ति के घर में अर्धनग्न अवस्था में पाया। गंभीर रूप से घायल महिला के निजी अंगों से अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था, और शरीर पर कई चोटों के निशान थे। प्राथमिक जांच में यह आशंका जताई गई है कि उनके साथ कठोर हिंसा की गई, जिसमें किसी कठोर वस्तु का प्रयोग भी हो सकता है।
बेटी ने तुरंत आसपास के लोगों को बुलाया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। महिला ने होश में आने पर अपने साथ हुई आपराधिक घटना का ज़िक्र किया, लेकिन उपचार मिलने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने इस मामले में दो स्थानीय आरोपियों — हरी पालवी और सुनील धुर्वे — को हिरासत में लिया है, जो महिला को पहले से जानते थे। प्रारंभिक जांच में गैंगरेप की पुष्टि के बाद आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
पीड़िता का शव जिला अस्पताल खंडवा भेजा गया है, जहां मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की निगरानी में पोस्टमार्टम किया जाएगा।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था विफल होने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे “आदिम युग जैसी बर्बरता” बताते हुए कहा कि जब कानून का भय समाप्त हो जाता है, तो ऐसे जघन्य अपराध होते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से खंडवा आने की अपील की और कहा कि यह मामला केवल महिला सुरक्षा का नहीं, बल्कि सरकार की जवाबदेही का भी है।