यूपी बोर्ड परीक्षा अब नए पैटर्न से, 10वीं में 2023 और 12वीं में 2025 से होगा लागू; सीएम योगी ने दिए निर्देश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा का नया पैटर्न वर्ष 2023 से और 12वीं के लिए वर्ष 2025 तक लागू करने के निर्देश दिए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद के समक्ष शिक्षा एवं युवा कल्याण सेक्टर के विभागों की कार्ययोजना प्रस्तुतिकरण के बाद अपने दिशा निर्देशों में कहा, ‘‘संरचनात्मक, शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधार के लिए कक्षा 12वीं में बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न 2025 तक लागू करने की जरूरत है। कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न 2023 से नया सत्र शुरू होने के पहले लागू करें।’’
मुख्यमंत्री ने कक्षा नौ और 11 में इंटर्नशिप कार्यक्रम, रोजगारोन्मुख कौशल शिक्षा और सर्टिफिकेशन, राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना की दिशा में कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देते हुए कहा कि पांच वर्ष पर विद्यालयों का मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन भी किया जाए। योगी ने यह भी आदेश दिया कि पांच वर्षों के भीतर सभी असेवित क्षेत्रों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज की स्थापना के लिए अभी से रणनीति बनाकर कार्रवाई शुरू की जाए। सभी विद्यलायों में स्मार्ट क्लासरूम, रियल टाइम मॉनिटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था लागू हो।
उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी 100 दिनों में राजकीय विद्यालयों में वाई फाई की सुविधा, सभी विद्यालयों की वेबसाइट, सभी विद्यार्थियों की ईमेल आईडी, राजकीय विद्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस शुरू करने के प्रयास हों। करियर काउंसलिंग पोर्टल ‘पंख’ का विकास, विद्यालय ऑनलाइन अनुश्रवण श्रेणीकरण और ई-लाइब्रेरी पोर्टल का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री ने दो वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन करने का निर्देश देते हुए यह भी कहा कि शिक्षा में तकनीक के उपयोग को देखते हुए एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली लागू कराया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर शैक्षिक पदों की रिक्तियों पर चयन की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए। योग शिक्षक के पदों पर भी चयन की कार्रवाई हो। अध्यापक पुरस्कारों के लिए मानकों में संशोधन करने पर विचार करें। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि आगामी 100 दिनों में 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क और एबाकस-यूपी के लिए नियमावली बनाकर पोर्टल की शुरुआत करें। साथ ही निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल, पांच राजकीय महाविद्यालयों और तीन राज्य विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेटर्स की शुरुआत करें।