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Uksssc Paper Leak: एसटीएफ को मिली दो आरोपियों की कस्टडी रिमांड, हो सकते हैं बड़े खुलासे

देहरादून: स्नातक स्तर की परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में कोर्ट ने दो आरोपित का पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) स्वीकृत कर दिया है। इनमें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) में आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से तैनात कंप्यूटर प्रोग्रामर जयजीत सिंह का 28 से 30 जुलाई और ग्राम पाटी चंपावत निवासी मनोज जोशी का 28 से 30 जुलाई तक पीसीआर मिला है। पुलिस रिमांड के दौरान उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स आरोपितों से पेपरों के संबंध में पूछताछ करेगी।

अब तक जांच में सामने आया है कि जयजीत सिंह ने भी आयोग से 80 प्रश्न पत्र बाहर निकाले थे। इसमें उसे किस-किस ने सहयोग किया, एसटीएफ पूछताछ में यह पता करेगी। इसके अलावा रिमांड के दौरान एसटीएफ कुछ अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर सकती है, जिन्होंने पेपर लीक करवाने व अभ्यर्थियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

इसके अलावा मनोज जोशी सितारगंज कोर्ट में तैनात था। उसने पेपर खरीदकर परीक्षा पास की थी। दोनों आरोपितों के पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद एसटीएफ जल्द ही मनोज जोशी निवासी ग्राम मयोली, अल्मोड़ा निष्कासित पीआरडी जवान का भी पुलिस रिमांड लेगी।

एसटीएफ की मानें तो निष्कासित मनोज जोशी से भी काफी जानकारियां हाथ लगने की संभावना है। क्योंकि मनोज जोशी पहले लखनऊ स्थित सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था। इसके बाद पीआरडी में भर्ती हुआ। उसकी आयोग में तैनाती करवाने और फिर बर्खास्तगी को लेकर एसटीएफ को संदेह है।

यह है मामला

यूकेएसएससी की चार-पांच दिसंबर 2021 को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक कराने के मामले में एसटीएफ ने शनिवार को छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। गिरोह ने परीक्षा से एक दिन पहले ही सौ में से 80 सवालों को पैसे देने वाले अभ्यर्थियों को उपलब्ध करा दिया था।

साथ ही उन्हें रामनगर स्थित एक रिसार्ट में परीक्षा की तैयारी भी कराई गई। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की ओर से 13 विभाग में 854 रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। इन रिक्त पदों के सापेक्ष 2,16,519 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

भर्ती परीक्षा में एक लाख, 46 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। उत्तराखंड राज्य के बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों ने बीते शनिवार को भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी अशोक कुमार को गड़बड़ी की जांच के आदेश जारी किए।

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