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पत्नी को घुमाने ले गया और रास्ते में कर दी हत्या, 17 साल बाद खुला हत्याकांड का राज

उत्तर प्रदेश के जालौन में इंदिरानगर के मंजू हत्याकांड का आखिरकार 17 साल बाद खुलासा हो गया। मंजू की हत्या प्रेम प्रसंग के चलते उसके पति संतोष ने ही की थी। वारदात के बाद आरोपी संतोष संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गया और कुछ दिन बाद ही अपनी प्रेमिका से शादी रचाकर कानपुर देहात में रहने लगा था। इधर, बीते 17 सालों से इंसाफ के लिए पुलिस के चक्कर काट रहे मंजू के परिजनों ने बीते सप्ताह जालौन एसपी से मुलाकात की। उनकी शिकायत पर अब पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है।

 मंजू की मां जनसुनवाई में उनके पास आई थी

जालौन एसपी डॉ. ईरज राजा के मुताबिक मंजू की मां जनसुनवाई में उनके पास आई थी। उन्होंने शिकायत को देखने के बाद उन्होंने सीओ को जिम्मेदारी दी और सबसे पहले मंजू के पति को उठाकर लाने को कहा। वहीं जब पुलिस उसे कानपुर से लेकर आई तो आरोपी थोड़ी देर के ही पूछताछ में ना केवल पूरी वारदात को कबूल लिया, बल्कि यह भी बता दिया कि वह दूसरी लड़की से प्यार करता था, उसे पाने के लिए ही उसने अपने चाचा की मदद से इस वारदात को अंजाम दिया है।

चाचा को भी गिरफ्तार कर लिया गया

इस खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपी के चाचा को भी गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि साल 2006 में जालौन के उरई कोतवाली क्षेत्र में एक महिला की सिर कुचलकर बेरहमी से हत्या हो गई थी। पुलिस ने उसका शव पास के जंगल से बरामद किया था। उस समय महिला के भाई ने पुलिस में अपने बहनोई के खिलाफ तहरीर दी थी। आरोप लगाया था कि उसकी बहन की हत्या दहेज के लिए की गई है। पुलिस ने उसे समय केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन मामले को हल्के में लेते हुए फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

 महिला के परिजनों ने कई बार पुलिस के अधिकारियों से गुहार भी लगाई

आरोप है कि इस दौरान महिला के परिजनों ने कई बार पुलिस के अधिकारियों से गुहार भी लगाई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। लेकिन अब मामला एसपी के सामने आने के बाद इसकी नए सिरे से जांच कराई गई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है। मंजू की मां ने बताया कि उन्होंने बड़े शौक से अपनी बेटी की शादी साल 2005 में उरई कोतवाली क्षेत्र के इंदिरा नगर में रहने वाले संतोष पुत्र नत्थू के साथ की थी। उस समय उन्होंने अपनी क्षमता के मुताबिक दान दहेज भी दिया था। बावजूद इसके, ससुराल में उनकी बेटी के साथ कई बार मारपीट हुई। इस शादी के करीब डेढ़ साल बाद उसकी हत्या कर दी गई।

दामाद भी संदिग्ध परिस्थिति में लापता

पीड़िता ने बताया कि इस घटना के बाद उनका दामाद भी संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गया था। इससे परिवार को जो पहले से शक था, वो विश्वास में बदल गया कि दामाद संतोष ने ही उनकी बेटी की हत्या की थी। मंजू के भाई विष्णु ने बताया कि वह बीते 17 साल में थाने से लेकर चौकी तक और सीओ से लेकर एसपी तक कई बार चक्कर काट चुका है। लेकिन पहली बार किसी अफसर ने उनकी सुनवाई की है। देर से ही सही, आखिरकार उनकी बहन को अब 17 साल बाद न्याय मिला है।

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