उत्तर प्रदेशराज्य

आज काशी विश्वनाथ मंदिर में सभी तरह के टिकट रहेंगे बंद, शनिवार सुबह से ही लगा है भक्तों का तांता

वाराणसी: महादेव की नगरी काशी में नववर्ष की शुरुआत महादेव के आशीर्वाद के साथ लोग कर रहे हैं. इसका परिणाम है कि अन्य शिवालयों के साथ बाबा विश्वनाथ के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. हर कोई बाबा की एक झलक पाकर उनके आशीर्वाद के साथ इस नववर्ष की शुरुआत की कामना कर रहा है. जी हां, तीन लाख से ज्यादा लोगों ने बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन किए.

बता दें कि जहां वर्ष 2022 के अंतिम दिन बाबा विश्वनाथ की एक झलक पाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच थे. तो वहीं नए साल पर भी 2023 में बाबा विश्वनाथ का आर्शीवाद लेने के लिए भोर से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है. सुबह मंगला आरती के पश्चात जब आम दर्शनार्थियों के लिए पट खोला गया तो लाखों की संख्या में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी.

दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से बैरियर लगाकर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई थीं. बीते शनिवार को सुबह से लेकर शयन आरती तक लगभग दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन पूजन किए. वहीं, आज एक जनवरी को आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से पूरी तैयारियां चाक-चौबंद की गई हैं. आज सुबह से एक लाख से ज्यादा लोगों ने बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया.

नहीं होगा वीआईपी दर्शन, मोबाइल व अन्य सामान रहेगा प्रतिबंधित

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि आज भीड़ को देखते हुए सभी तरह के टिकट बंद कर दिए गए हैं. वहीं, प्रोटोकॉल भी प्रतिबंधित है. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में पूर्व की भांति किसी भी गेट से मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट वगैरह प्रतिबंधित है. जो दर्शनार्थी जिस प्रवेश द्वार से प्रवेश करेगा, उसकी निकासी भी उसी दिशा में की जाएगी. इसके लिए मंदिर प्रशासन द्वारा चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है.

इन मार्गों से श्रद्धालु कर सकेंगे प्रवेश और दर्शन

गौरतलब हों कि मैदागिन से आने वाले दर्शनार्थी छत्ता द्वार होते हुए मंदिर चौक में जाएंगे. इसके बाद गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर जाकर दर्शन पूजन करेंगे. गंगा की ओर से आने वाले दर्शनार्थी मंदिर के पूर्वी द्वार पर बाबा को जल चढ़ा सकेंगे. सरस्वती फाटक की तरफ से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के दक्षिणी द्वार पर और ढूंढीराज प्रवेश द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से बाबा को जल चढ़ा सकेंगे. मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि भीड़ को देखते हुए पूरे परिसर और मंदिर के चारों तरफ पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम और खोया पाया केंद्र बनाया गया है. पेयजल के लिए जगह-जगह प्याऊ लगाकर उसका इंतजाम किया गया है. किसी भी आपात स्थिति के लिए एंबुलेंस और चिकित्सा विभाग की टीम भी मंदिर के पास तैनात रहेगी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights