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लखनऊ के मेदांता अस्पताल में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी, पुलिस ने आरोपितों को दबोचा

लखनऊ के कई नामी अस्पतालों में चिकित्सक, लैब सहायक, नर्सिंग सहित कई पदों पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश पुलिस ने किया। इस गिरोह के पांच सदस्यों को सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से पांच लैपटॉप, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, कार सहित कई अहम दस्तावेज बरामद हुए है। इस मामले में मेदांता अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने मुकदमा दर्ज कराया था।

डीसीपी दाक्षिणी गोपाल चौधरी के मुताबिक 14 अक्टूबर को मेदांता अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने सुशांत गोल्फ  सिटी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें शिकायत की थी कि कुछ लोग उनके अस्पताल के नाम का प्रयोग करते हुए अलग-अलग पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। डीसीपी के मुताबिक थाने व डीसीपी की क्राइम टीम को इस मामले में पड़ताल के लिए लगाया गया। बृहस्पतिवार रात को पुलिस टीम ने गिरोह के कुछ  सदस्यों को जाह्नवी इंक्लेव के पास से गिरफ्तार किया। सभी उस कार में बैठे थे। पुलिस की गिरफ्त में आये पांचों आरोपियों में बिहार के रमन चौहान, मो. रफीक, प्रयागराज का सुभेंद्र मिश्र, ऋषभ तिवारी व झारखंड का रोहन कुमार शामिल है। पुलिस ने कार के अंदर से पांच लैपटॉप, एक राउटर, हार्ड डिस्क, पांच पेन ड्राइव, 9 मोबाइल, पांच सिमकार्ड, एक स्मार्ट वॉच बरामद किया है। इसके अलावा कुछ दस्तावेज भी मिले हैं।

प्रभारी निरीक्षक सुशांत गोल्फ सिटी देवेंद्र विक्रम सिंह के मुताबिक पकड़े गये जालसाज नौकरी के लिए परेशान युवकों का डाटा हासिल कर लेते थे। इसके बाद नामी अस्पतालों में नौकरी के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग कर विज्ञापन निकालते थे। इस विज्ञापन में जालसाज अपने मोबाइल नंबर दर्ज कराते थे। जैसे ही कोई कॉल करता था। उसे अपनी बातों में फंसाते थे। इसके बाद सिक्योरिटी मनी के नाम पर रुपये अपने खातों में जमा करा लेते थे। रुपये लेते समय यह भरोसा दिलाते थे। अगर काम नहीं हुआ तो रुपये वापस हो जाएंगे। भरोसे के लिए एक चेक भी आवेदक को देते थे।

एडीसीपी दक्षिणी राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक पड़ताल में सामने आया कि इस गिरोह ने लखनऊ ही नहीं कई अन्य जगह भी ठगी की है। दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। यहां एक डॉक्टर को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। एडीसीपी केमुताबिक गिरोह के बारे में पुलिस टीम जानकारी हासिल कर रही है। इसके लिए अन्य प्रदेशों के थानों से भी संपर्क किया जा रहा है। पकड़े गये आरोपी फर्जी नाम व पते से ना सिर्फ  सिमकार्ड लेते थेए बल्कि बैक खाते भी आपरेट करते थे। ठगी की रकम उन्हीं खातें में ट्रांसफर कराई जाती थी। इसके बाद जालसाज उन खाते से रुपये निकाल लिया करते थे।  पुलिस पकड़े गए आरोपियों के बैंक अकाउंट के बारे में पता लगा रही है।

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