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गठिया की समस्या से छुटकारा पाने में मददगार है ये एक एक्सरसाइज

नई दिल्ली। जो लोग रूमेटोइड आर्थराइटिस से पीड़ित होते हैं उनके जोड़ों में बेहद दर्द रहता है और इसलिए उनके लिए एक्सरसाइज़ करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, फिज़िकली एक्टिव रहने के लिए वर्कआउट ज़रूरी है। स्विमिंग एक ऐसी तरह की एक्सरसाइज़ है, जिसकी मदद से बिना दबाव के दर्द को कम किया जा सकता है। साथ ही फिटनेस और दिल की सेहत के लिए तैराकी एक बेहतरीन विकल्प है।

आइए जानें कि तैराकी रूमेटोइड आर्थराइटिस के मरीज़ों को किस तरह मदद कर सकती है:

मांसपेशियों और जोड़ों की अकड़न दूर होती है

स्विमिंग करने से ब्लड फ्लो और सर्क्यूलेशन बढ़ता है। स्विम करने से ब्लड आसानी से शरीर में फ्लो कर पाता है, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों को ज़्यादा ऑक्सीजन मिल पाती है। साथ ही जब आपका शरीर पानी में होता है, जब आप ऐसी मूवमेंट्स भी कर पाते हैं, जो आमतौर पर करना मुश्किल हो जाता है।

दिल से जुड़ी बीमारियों का ख़तरा कम होता है

तैरने से आपकी दिल की सेहत में काफी सुधार आता है। रूमेटोइड आर्थराइटिस से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ता है। इसलिए स्विमिंग की मदद से दिल की सेहत में सुधार लाया जा सकता है।

मांसपेशियों की ताकत में सुधार करने में मदद करता है

तैरना मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में मदद करता है। कई लोग तैराकी को कार्डियो वर्कआउट मानते हैं, यह मांसपेशियों की ताकत बनाने में मदद कर सकता है। पानी में काम करने के लिए मांसपेशियों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जब मांसपेशियां मज़बूत होती हैं, तो वे जोड़ों को सहारा देने में मदद कर पाती हैं।

जोड़ों को आराम मिलता है

तैरते वक्त जोड़ो पर काफी कम भार पड़ता है। इसलिए जोड़ों में दर्द के बावजूद आराम से तैरा जा सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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