पापा…चार धमाके हुए हैं, मगर मैं सुरक्षित हूं, यूक्रेन में फंसे यूपी के छात्र घरवालों को फोन कर बता रहे हाल
रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine Tenssion) के बीच चल रही तनातनी के बीच यूक्रेन में सहारनपुर (Saharanpur) के भी कई छात्र फंसे हुए हैं. उनके परिजनों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है. वो लगातार अपने बच्चों से बातचीत कर उनकी सलामती जान रहे हैं. सभी की कोशिश यही है कि उनके बच्चे जल्द से जल्द अपने वतन वापस लौट आएं. सहारनपुर के ये छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.
यूक्रेन में फंसे सहारनपुर के कई छात्र
सहारनपुर नगर के रायवाला निवासी अम्मार यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे. उन्हें 25 फरवरी को स्वदेश लौटना था लेकिन इससे पहले ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. जिसके बाद कीव एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया और उनकी फ्लाइट भी अब कैंसिल हो गई है. इधर भारत में बैठे उनके परिवार वालों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है और लगातार फोन और व्हाट्सएप के जरिए उनसे संपर्क में बने हुए हैं.
घरवालों को सता रही है चिंता
शाजिया राव का कहना है कि वो सब लोग बहुत परेशान हैं, जब तक अम्मार अपनी यूनिवर्सिटी में थे सरक्षित थे, लेकिन फ्लाइट कैंसिल होने की सूचना उन्हें बीच रास्ते में दी गई जिसके बाद वो ना इधर है और ना उधर के. वो कीव में फंसे हुए हैं. न कोई टैक्सी मिल रही हैं न बस मिल रही है. वहां वो इतने घबराए हुए हैं और यहां पर हम लोग बहुत परेशान हैं. हमें यहां से कोई मदद नहीं मिल रही है ना कोई रास्ता मिल रहा है. उन्होंने अपील सरकार से अपील की उन्हें सलामत घर पहुंचा दिया जाए.
डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए गए थे
ऐसे ही एक परिजन मोहम्मद वाहिद ने बताया कि उनका भांजा यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है. उसका तीसरा साल है. आज 24 फरवरी को उसकी फ्लाइट थी. वो वहां से आने के लिए निकल भी चुका था लेकिन बीच में ही उसकी फ्लाइट कैंसिल कर दी गई. एयर इंडिया का जो प्लेन इन छात्रों को लेने गया था वो भी बीच में फंस गया है. इन हालातों के बाद परिवार के लोग बहुत परेशान हो रहे हैं.
सरकार से की ये अपील
ऐसा ही हाल कस्बा चिलकाना के परिवार अयाज अहमद, मोहम्मद फरमान अंसारी तथा मोबिन अंसारी का भी है. इनके परिवार से भी बच्चे यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए थे. परिजन खौफजदा हैं क्योंकि मौजूदा हालात को देखते हुए कुछ समय बाद इंटरनेट सेवा भी बंद की जा सकती है. जिसके बाद बच्चों से बात करना भी मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें डर लग रहा है कि हमारा बच्चा अकेला है, छोटा है, समझदार नहीं है. सुबह हमारी उससे बात हुई थी तो वो अपनी यूनिवर्सिटी से निकल रहा था उसके बाद से वो संपर्क में नहीं आ पाया. सरकार से हमारी यही अपील है कि सही सलामत वो अपने घर पहुंच जाए कुछ लोग फंसे हुए हैं वहाँ पर और उसके कुछ दोस्त यहाँ पहुंच गए हैं लेकिन वो वही रह गया है.