जीएसटी चोरी में देश में पहली सजा उत्‍तराखंड में, फर्म संचालक को पांच साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना - न्यूज़ इंडिया 9
अपराधउत्तराखंडराज्य

जीएसटी चोरी में देश में पहली सजा उत्‍तराखंड में, फर्म संचालक को पांच साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश चंद आर्य ने छह फर्म के माध्यम से फर्जी तरीके से व्यापार दिखाकर छह करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी चोरी करने के मामले में आरोपी फर्म संचालक को दोषी पाया है। कोर्ट ने उसे पांच साल के कारावास व एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जीएसटी के अधिकारियों की ओर से दावा किया गया है कि यह देश का पहला मामला है, जब जीएसटी अधिनियम 2017 के तहत सजा सुनाई गई है।

जिसमें आरोप था कि आरोपी सुरेन्द्र सिंह ने जीएसटी पोर्टल पर अपनी छह फर्म अपने परिजनों के नाम पर खुद ही चला रहा था। इन फर्मो को मेन पॉवर सप्लाई के लिए पंजीकृत कराया गया था। लेकिन इनके माध्यम से सेल, परचेज, आयरन, प्लाईवुड व अन्य कार्य दर्शाए गए हैं। यही नहीं, इन सभी फर्मों के कार्य के लिए कॉमन मोबाइल नंबर, ईमेल का इस्तेमाल ई बिल बनाने के लिए किया जा रहा था। आरोप लगाया था कि आरोपी ने जिन वाहन से माल को भेजना दिखाया है, ऐसे वाहन टॉल प्लाजा से क्रॉस व कुछ वाहन इतनी क्षमता के माल को ले जाने लायक ही नहीं है।

आरोपी पर जिन फर्मों पर माल सप्लाई करना दर्शाया है, वह सभी फर्म फर्जी है। जिसपर कर विभाग ने आरोपी पर बिना माल सप्लाई के आईटीसी सरकार से क्लेम किया गया है, वह फर्म यूपी, दिल्ली व हरियाणा में पंजीकृत है। विभागीय जांच में आरोपी पर एक ही पेन नम्बर पर उत्तराखंड व उड़ीसा से कम्पनी का संचालन करने का खुलासा हुआ था। यही नहीं, जांच में 22 फर्मों को एक ही व्यक्ति, मोबाइल नम्बर व पेन नम्बर पर पंजीकृत का पता चला था। विभागीय जांच के दौरान आरोपी से पूछताछ करने के बाद करीब 17.01 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी को लाभ प्राप्त करते हुए उपयोग में लाया गया था। विभाग की ओर से उपस्थित अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने शिकायत दर्ज की थी। विभागीय अधिकारी धर्मेंद्र राज चौहान समेत पांच गवाह पेश किए गए।

कोर्ट ने फर्म कर्मचारियों की कराई गवाही

कोर्ट ने उक्त फर्म में विभिन्न पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के बयान दर्ज कराए थे। जिससे कोर्ट में गवाही देने के लिए समन जारी किया गया था। साक्ष्य से आरोपी पर आरोप की पुष्टि हुई थी।

आयुक्त के आदेश पर हुई थी गिरफ्तारी हुई

विभागीय जांच व पूछताछ के बाद आरोपी पर आरोप की पुष्टि होने पर आयुक्त ने आरोपी की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे ।

माल का दुलान दोपहिया वाहन से दिखाया

माल का दुलान का ऐसे वाहनों से दिखाया गया था जो दुपहिया वाहन थे। आरोपी ने स्वयं भी यह स्वीकार किया गया था कि उसके द्वारा अन्य राज्यों की फर्मों से कोई माल नहीं मंगाया गया था। केवल बिल प्राप्त करने के माध्यम से फर्जी आईटीसी का लाभ लिया गया था।

आईटीसी फर्जीवाड़ा कर देते थे अंजाम

देहरादून। राज्य कर विभाग उत्तराखंड को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। आठ माह पहले आयुक्त राज्य कर के निर्देश पर सीआईयू देहरादून की टीमों ने छह फर्मों में करोड़ों रुपये का आईटीसी फर्जीवाड़ा पकड़ा था। मामले में छह माह के भीतर ही त्वरित सुनवाई हुई और आरोपी को सक्षम न्यायालय ने दोष करार दिया। राज्य कर विभाग का दावा है कि यह देश में प्रथम मामला है, जिसमें की फर्जीवाड़े में लिप्त किसी दोषी व्यक्ति को जीएसटी अधिनियम 2017 के अंतर्गत सजा सुनायी गयी है। राज्य कर विभाग की ओर से अभियोजन अधिकारी अधिवक्ता रिंकू सिंह एवं विशेष लोक अभियोजन अधिकारी अधिवक्ता लक्ष्य सिंह ने पैरवी की। जांच और विवेचना में डिप्टी कमिश्नर धर्मेन्द्र राज चौहान, विनय पाण्डे, असिस्टेंट कमिश्नर मनमोहन असवाल, टीकाराम चन्याल, राज्य कर अधिकारी ईशा शामिल रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button