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Export-Import Data: 19 महीने बाद निर्यात में गिरावट, व्यापार घाटा रिकॉर्ड 31 अरब डॉलर

भारत का व्यापार घाटा (Trade Deficit) जुलाई में सालाना आधार पर करीब तीन गुना बढ़कर 31.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह किसी एक महीने में भारत का सबसे बड़ा व्यापार घाटा है। इससे पहले जून में देश का व्यापार घाटा 26.18 अरब डॉलर रहा था, जो पिछला रिकॉर्ड था। पिछले साल जुलाई में भारत का व्यापार घाटा 10.63 अरब डॉलर था। देश के कॉमर्स सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम ने मंगलवार 2 अगस्त को जुलाई महीने के इंपोर्ट-एक्सपोर्ट से जुड़े आंकड़े जारी किए।

कॉमर्स मिनिस्ट्री की तरफ से जारी प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2022 में वस्तुओं का इंपोर्ट (Merchandise Imports) बढ़कर 66.26 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले साल इसी महीने में 46.15 अरब डॉलर था। वहीं देश का निर्यात या एक्सपोर्ट (Export) जुलाई में पिछले साल के मुकाबले मामूली 0.76% घटकर 35.24 अरब डॉलर रहा। जून के मुकाबले एक्सपोर्ट करीब 12 फीसदी घटा है।

वित्त वर्ष 2022 में भारत का कुल एक्सपोर्ट 429.2 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष 2023 के पहले 4 महीनों में अभी तक भारत 156.41 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट कर चुका है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले माह सोने का आयात लगभग आधा घटकर 2.37 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी महीने में 4.2 अरब डॉलर था।

जुलाई महीने में एक्सपोर्ट के आंकड़ों में कमी के बावजूद कॉमर्स सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम ने भरोसा जताया कि भारत मौजूदा वित्त वर्ष में 470 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 156.41 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है। इससे पता चलता है कि हम चालू वित्त वर्ष में 470 अरब डॉलर के निर्यात का आंकड़ा आसानी से हासिल करने की राह पर हैं।”

बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा, “बाहरी दुनिया अब पहले इतनी दयालु नहीं है।” बता दें कि ग्लोबल लेवल पर कमोडिटी की ऊंची कीमतों के कारण हाल के महीनों में भारत का व्यापार घाटा तेजी से बढ़ा है। इसने भारतीय रुपये पर भी दबाव डाला है, जिसने पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने कई सर्वकालिक निम्न स्तरों को छुआ है। 19 जुलाई को पहली बार एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू घटकर 80 रुपये के निशान को पार कर गई थी।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये के एक्सचेंज रेट के स्तर को लेकर कोई टारगेट नहीं रखता है। हालांकि यह अपने विदेशी मुद्रा भंडार को खरीद या बेचकर रुपये की कीमत में अस्थिरता को रोकने की कोशिश जरूर करता है। रुपये को अधिक गिरने से रोकने के लिए RBI ने हाल ही में अपने रिजर्व से काफी अमेरिकी डॉलर बेचा है, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 अरब डॉलर के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 70 अरब डॉलर नीचे आ गया है।

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