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देश को फ्रांस से मिला राफेल बेड़े का 36वां आखिरी विमान, UAE में मिड–एयर रिफ्यूलिंग कराने के बाद पहुंचा भारत

नई दिल्ली. आखिरकार देश को अपना आखिरी यानी 36वां फाइटर जेट राफेल (Rafale) भी अब मिल गया है। बता दें कि, साल 2016 में फ्रांस और भारत के बीच 36 राफेल को लेकर 60,000 करोड़ रुपए की डील हुई थी। इसके पहेले 35 राफेल पहले ही आ चुके हैं और अंबाला, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के हाशिमआरा एयरफोर्स बेस में तैनात हैं। जानकारी हो कि, राफेल करीब 2,223 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।

फिलहाल राफेल पश्चिम बंगाल के अंबाला, हरियाणा और हाशिमारा में तैनात हैं। गौरतलब है कि, राफेल के सभी पुर्जों और अन्य भागों को बदल दिया गया है क्योंकि इसका उपयोग विकास गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। इस बीच, भारतीय वायु सेना ने भी विमानों को उच्चतम मानकों पर अपग्रेड करना शुरू कर दिया है और सभी भारत-विशिष्ट संवर्द्धन से लैस हैं।

बता दें कि, राफेल 4.5 जनरेशन का विमान है और इसने भारत को उन्नत रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के साथ लंबी दूरी की हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों के साथ भारतीय उप-घटक आसमान पर अपना वर्चस्व हासिल करने में मदद की है। फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन भी विमान के रखरखाव में शामिल है जिसकी सेवाक्षमता 75% से अधिक है।

राफेल की अन्य विशेष विशेषताओं के बारे में बताते हैं जो कि इस प्रकार हैं:

  • राफेल 36 हजार फीट से लेकर 50 हजार फीट तक उड़ान भरने में सक्षम है। यही नहीं यह 1 मिनट में 50 हजार फीट पर पहुंच सकता है।
  •   राफेल 3700 किमी. की रेंज कवर करने में सक्षम है।
  •   राफेल की रफ़्तार 1920 कि। मी प्रति घंटे है।
  •   राफेल 1312 फीट के बेहद छोटे रनवे से भी उड़ान भर सकता है।
  •   यह 15,590 गैलन ईंधन ले जाने की जबरदस्त क्षमता रखता है
  •   राफेल, हवा से हवा में मारक मिसाइलें ले जाने में सक्षम है।
  •   राफले अपनी एक उड़ान में 2,000 समुद्री मील तक उड़ सकता है।
  •   राफेल, अमेरिका के F-16 की तुलना में 0.82 फीट ज्यादा ऊंचा है।
  •   यह अमेरिका के F-16 की तुलना में 0.79 फीट ज्यादा लंबा है।
  •  राफेल के विंगों की लम्बाई 10.90 मीटर, जेट की ऊँचाई 5.30 मीटर और इसकी लम्बाई 15.30 मीटर है जो इसे एक बेहद लड़ाकू और सक्षम बनती है।

गौरतलब है कि, अब राफेल की तैनाती के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) की सुरक्षा और मजबूत और पुख्ता हो गई है। इसके साथ-साथ LAC पर भी राफेल की पूरी निगरानी है।

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