‘आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह…’ भारत के बाद जस्टिन ट्रूडो के बयान पर भड़का श्रीलंका
भारत के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाने के बाद कनाडा घिरता जा रहा है. अब श्रीलंका ने भी भारत का समर्थन किया है. भारत-कनाडा विवाद पर श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि कुछ आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित पनाहगाह मिल गई है. कनाडाई प्रधानमंत्री के पास बिना किसी सबूत के कुछ अपमानजनक आरोप लगाने का यही तरीका है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लिए भी ट्रूडो ने यही बात कही थी कि श्रीलंका में एक भयानक नरसंहार हुआ था, जो कि सरासर झूठ था. उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ.
साबरी ने कहा कि मैंने कल देखा कि ट्रूडो नाजियों से जुड़े किसी व्यक्ति का जोरदार स्वागत कर रहे थे. श्रीलंका के विदेश मंत्री ने कहा कि यह संदेहास्पद है और हम अतीत में इससे निपट चुके हैं. मुझे इस बात पर आश्चर्य नहीं है कि कभी-कभी पीएम ट्रूडो अपमानजनक आरोप लगाते हैं.
वहीं, भारत में श्रीलंका के निवर्तमान उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा कि कनाडा के आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया काफी सख्त और बिना लागलपेट वाली रही है. श्रीलंका इस मामले में भारत का समर्थन करता है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों को आतंकवाद के कारण नुकसान हुआ है और उनका देश आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस रखता है.
भारत की प्रतिक्रिया सख्त और बिना लागलपेट वालीः श्रीलंका
भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत की प्रतिक्रिया काफी सख्त रही है. मुझे लगता है कि जहां तक हमारा सवाल है तो हम भारत का समर्थन करते हैं. अब मैं 60 साल का हूं, अपने जीवन के 40 साल हमने श्रीलंका में आतंकवाद के विभिन्न रूपों का सामना करते हुए बिताए हैं. मैंने आतंकवाद के कारण कई दोस्तों और सहयोगियों को खो दिया है. मिलिंडा ने कहा कि हम सभी का मानना है कि श्रीलंका के कई लोग आतंकवाद के कारण मारे गए हैं. इसलिए इन मामलों पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है.
अमेरिका ने कहा- कनाडा की जांच आगे बढ़नी चाहिए
वहीं, अमेरिका ने कहा कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कनाडा की जांच आगे बढ़नी चाहिए और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. कनाडा ने आरोप लगाया है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय अधिकारियों का हाथ है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम (कनाडाई) प्रधान मंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों से चिंतित हैं. हम कनाडाई सहयोगियों के साथ निकट संपर्क में हैं. मिलर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारा मानना है कि यह महत्वपूर्ण घटना है. कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए. हमने सार्वजनिक रूप से और निजी तौर पर भारत सरकार से कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है.
निज्जर की हत्या के बाद मचा बवाव
कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की गोलीबारी में मौत हो गई थी, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इसके पीछे भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. निज्जर भारत की ओर से घोषित आतंकवादी था. 18 जून को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी हत्या हो गई थी. हालांकि, भारत ने आरोपों को खारिज कर दिया, उन्हें “बेतुका” और “प्रेरित” बताया है.
‘भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हमने उनकी संसद में कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान को देखा है और उनके विदेश मंत्री के बयान को भी खारिज कर दिया है.विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके हैं.
भारत ने खारिज किए आरोप
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत के “संभावित संबंधों” के बारे में कनाडा द्वारा लगाए गए आरोप “राजनीति से प्रेरित” हैं. बागची ने कहा कि मुझे लगता है कि यहां कुछ हद तक पूर्वाग्रह है. उन्होंने आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की है. हमें ऐसा लगता है कि कनाडा सरकार के ये आरोप मुख्य रूप से राजनीति से प्रेरित हैं.