ड्रोन से खंगाले गए चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के संवेदनशील स्थल, बैठक में सचेत किए गए अधिकारी
अयोध्या में मंगलवार की रात 12 बजकर 48 मिनट से 14 कोस की शास्त्रीय सीमा की परिक्रमा आरंभ होगीl 48 किलोमीटर लंबे इस परिक्रमा मार्ग को 5 जोन में बांटकर मजिस्ट्रेट और पुलिस की तैनाती कर दी गई हैl कोरोना काल के बाद और भव्य राम मंदिर निर्माण के बीच होने वाली इस परिक्रमा में 20 लाख से ज्यादा भक्तों के शामिल होने का अनुमान हैl
परिक्रमा पथ के 6 संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से होगी निगरानी
14 कोसी परिक्रमा ड्रोन की निगरानी में होगीl परिक्रमा पथ के 6 संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की गई है।परिक्रमा पथ के जनौरा के पास सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह ने टीम के साथ ड्रोन की निगरानी का रिहर्सल किया। जबकि यातायात पुलिस ने आने जाने वाले यात्रियों में पुलिस यातायात ऐप इंस्टॉल करने के लिए पत्रक बांटे।
यह फोटो अयोध्या के सरयू घाट की है। फोटो में दिखाई दे रहा है कि भक्त स्नान के लिए नदी किनारे पहुंच रहे हैं।
अक्षय नवमी पर होने वाली इस परिक्रमा के दौरान आस्था के मार्ग का एक-एक पग भक्तों के जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट कर देता हैl इतना ही नहीं इस दिन किया गया पुण्य कभी क्षय अर्थात समाप्त नहीं होता हैl इस मान्यता के कारण बहुत प्रचीन समय से अयोध्या की परिक्रमा होती चली आ रही हैl परिक्रमा को अधिकांश भक्त सरयू स्नान कर आरंभ करते हैंl
डीएम नितीश कुमार ने बताया कि परिक्रमा/कार्तिक पूर्णिमा मेला को कुशल एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराए जाने तथा श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए मेला कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। कंट्रोल रूम में 04 पी0एन0टी0 नंबर 05278-232043, 232044, 232046, 232047 एवं 01 मोबाइल नंबर 9120989195 की व्यवस्था की गई है।
अयोध्या में होती है तीन परिक्रमा
अयोध्या में मुख्य तौर से 3 प्रकार की परिक्रमा होती हैं। पहली 84 कोसी, दूसरी 14 कोसी और तीसरा 5 कोसी। 1 कोस में तीन किलो मीटर होते हैं।
पढ़िए 14 कोसी परिक्रमा का महत्व
कार्तिक परिक्रमा को 14 कोसी परिक्रमा के तौर पर जाना जाता है। यह साल में एक बार होती है। ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक परिक्रमा के दौरान भगवान विष्णु का देवोथान (जागना) होता है। इस दौरान किए गए काम को क्षरण नहीं होता। आप अगर मन से परिक्रमा में हिस्सा लें तो उसका फल आपको जरूर मिलता है।
भक्तों के लिए 20 स्थानों पर विश्राम स्थल की स्थापना
रिक्रमा के दौरान 20 पूर्व चिन्हित स्थानों पर विश्राम स्थल बनवाया जाता है। जहां पर श्रद्धालुओं के पीने हेतु वाटर टैंकर लगाया गया हैl कुछ कतिपय स्थलों पर मोबाइल टॉयलेट लगाया जाता रहा है।उन्होंने विश्राम स्थलों की जानकारी देते हुए बताया कि हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, तिवारी का पुरवा, बैतरनी, कुढ़ा केशवपुर, दर्शन नगर, सूर्यकुंड, आचारी का सगरा, फतेहपुर, मिर्जापुर, भीखापुर, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, हनुमानगढ़ी सहादतगंज, जमथरा, निर्मली कुण्ड, अफीमकोठी, चक्रतीर्थ तथा ब्रह्मकुण्ड गुरूद्वारा कुल 20 विश्राम स्थलों की स्थापना की गई है
5 स्थानों पर खोया पाया कैंप और 40 बेड आरक्षित
उन्होंने आगे बताया कि 05 स्थानों पर खोया पाया कैंप यथा- बन्धा तिराहा, तुलसी उद्यान, हनुमानगढ़ी, कोतवाली अयोध्या तथा सरयू आरती स्थल पर खोया-पाया कैंप स्थापित कराया गया है। श्रद्धालुओं की चिकित्सा व्यवस्था हेतु जिला चिकित्सालय में 20, श्रीराम चिकित्सालय में 10 एवं राजर्षि दशरथ चिकित्सालय (मण्डलीय चिकित्सालय-10) बेड आरक्षित कराया गया है।
प्रशासन ने 10 स्थानों पर श्रद्वालुओं के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की है।
- बन्धा तिराहा
- हनुमानगुफा
- हलकारा का पुरवा
- दर्शन नगर
- जनौरा
- सहादतगंज
- गुप्तार घाट
- चक्रतीर्थ
- ऋणमोचन घाट
- कन्ट्रोल रूम अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय की व्यवस्था की गई है।
अस्थायी उपचार केन्द्र की व्यवस्था के अन्तर्गत 17 स्थानों पर
- कंट्रोल रूम अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय
- हनुमान गुफा
- मौनी बाबा
- हलकारा का पुरवा
- दर्शन नगर
- आचारी सगरा
- मिर्जापुर
- जनौरा
- सहादतगंज हनुमानगढ़ी
- गुप्तार घाट
- जमथरा
- अफीम कोठी
- अमानीगंज अशोका द्विवेदी के घर के सामने
- चक्रतीर्थ
- कौशिल्या घाट
- ऋणमोचन घाट
- पक्का घाट (08 बेड का अस्थाची चिकित्सालय) बनाया गया हैl
“मे आई हेल्प यू बूथ” की स्थापना
श्रद्धालुओं की मदद हेतु “मे आई हेल्प यू बूथ” की स्थापना 1. कनक भवन, 2. राम की पैड़ी, 3. हनुमानगढ़ी, 4. बन्धा तिराहा/लता मंगेशकर चौराहा, 5. अयोध्या रेलवे स्टेशन तथा 6. तुलसी उद्यान की स्थापना की गयी है।रेलवे स्टेशन की क्रासिंगों पर पी एम सिस्टम की स्थापना कराते हुए बैरियर लगाते हुए मजिस्ट्रेट ड्यूटी लगाई गई है।
जोनल, सेक्टर, सब सेक्टर, स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए
जिलाधिकारी ने बताया कि चौदह कोसी को 5 जोन,पंचकोसी को 3 जोन तथा कार्तिक पूर्णिमा 6 जोन में बांटा गया है। जिस में पर्याप्त संख्या में जोनल, सेक्टर, सब सेक्टर,स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। जिलाधिकारी ने समस्त मजिस्ट्रेट एवं अधिकारियों तथा कर्मचारियों को अपने अपने दायित्वों का सम्यक निर्वाहन करने के भी निर्देश दिए गए हैं।