उत्तर प्रदेशराज्य

ज्ञानवापी मामले में SC ने एएसआई सर्वे जारी रखने का दिया आदेश, मुस्लिम कमेटी की ‘रोक की अर्जी’ खारिज

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जारी सर्वे पर रोक लगाने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एएसआई को ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर का वैज्ञानिक सर्वे करने की अनुमति दी गई है. ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. मुस्लिम संस्था के एक वकील ने भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए पीठ से एएसआई को सर्वे करने से रोकने की अपील की थी.

इससे पहले ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर गुरुवार को ही सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था. ज्ञानवापी में सर्वे का काम कर रही एएसआई ने कोर्ट से सर्वे का समय बढ़ाने के लिए कहा है. जिला जज के अदालत में ASI की ओर से इसके लिए एक प्रार्थना पत्र दिया गया है. जिला अदालत ने 4 अगस्त तक एएसआई से सर्वेक्षण की रिपोर्ट मांगी थी. मगर पूरा सर्वेक्षण करने के लिए ASI समय बढ़ाने की मांग कर रहा है. वहीं भारी संख्या में नमाजी पहुंचने के कारण फिलहाल अभी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम रुका हुआ है. नमाज किए जाने के अदा करने के बाद सर्वे की कार्रवाई फिर शुरू होगी.

– ज्ञानवापी मामले में ASI सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू.

 चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है.

– मस्जिद कमेटी की ओर से हुजेफा अहमदी ने कहा, ‘पहले से सुप्रीम कोर्ट दो मामलों की सुनवाई कर रहा है. पहली, याचिका के सुनवाई योग्य होने का है. दूसरी याचिका सील एरिया में साइंटिफिक सर्वे का है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है.’

– सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र किया, जिसमें ASI ने भरोसा दिया था कि इमारत को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. सीजेआई ने कहा, ‘आखिर हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में दखल क्यों दे? ASI के भरोसे के बाद अदालत ने यह आदेश दिया था.’

– सीजेआई ने कहा, ‘वो मुख्य सूट जिसमें सूट की वैधानिकता पर सवाल उठाए गए हैं, उस याचिका पर नोटिस जारी करते हैं.’ मस्जिद कमिटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि सूट सुनवाई योग्य है.

– अहमदी ने कहा कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का मामला प्रभावित होगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने यह प्वॉइंट हाईकोर्ट में नहीं उठाया था. सीजेआई ने कहा कि सब पहलुओं पर सुनवाई करेंगे. लेकिन आज की तारीख में केवल सर्वे की बात है. उसे ही होने दें. हम सेफगार्ड भी देंगे. ताकि इमारत को कोई नुकसान न हो. फिर अहमदी ने कहा कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था उसी को लेकर वे अदालत को बता रहे थे.

– सीजेआई ने कहा, ‘हम हर चीजों को हमेशा अर्जी दाखिल कर चुनौती नही दे सकते. दो अदालतों ने आपके खिलाफ फ़ैसला दिया है. सर्वे से साक्ष्य ही सामने आएंगे और आगे यह आपके ही मामले में काम आएगा. आप हमारा अयोध्या वाला फैसला देखें, सर्वे का महत्व साक्ष्य के लिए है, राम मंदिर मामले में उस पर चर्चा हुई थी.’

– सीजेआई ने कहा कि हम सेफगार्ड इमारत को लेकर देंगे. सॉलिसिटर जनरल (एसजी) भी अदालत में मौजूद हैं. एसजी ने कहा, ‘ASI सर्वे का काम करेगा. बिना किसी भी तरह से इमारत को नुकसान पहुंचाए. जीपीआर सर्वे एक्सपर्ट करेंगे. वीडियोग्राफी आदि होगा. किसी भी तरह का तोड़ फोड़ का काम नही होगा. बिना नुकसान पहुंचाए काम होगा.’

– अहमदी ने इसे स्लाइजिंग टैकेटिस बताया. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके बहस का मुख्य आधार सूट के लंबित होने का है, लेकिन यहां मामला सर्वे का है. ये सर्वे केवल एक रिपोर्ट की तरह है.

– सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील से पूछा, क्या सर्वे से कोई ऐसी हानि हो सकती है जो ठीक न हो सके? अगर हां तो बताइए? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा सर्वे का काम होने दें और रिपोर्ट को सील बंद रखा जाए, तब तक जब तक कि ये तय न हो जाए की सूट सुनवाई योग्य है.

– श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं? इस पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा.

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