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ऋषभ पंत ने खेली हौसले से भरी पारी, असहनीय पीड़ा के बावजूद मां को घबराता देख करते रहे हंसी-मजाक

शुक्रवार को कार दुर्घटना के बाद भी ऋषभ पंत ने हिम्मत नहीं हारी। घटना के तुरंत बाद जब लोग ऋषभ की मदद कर रहे थे उस समय उनके सिर से खून बह रहा था , लेकिन वह लोगों से बात कर रहे थे और हौसला दिखा रहे थे। यही नहीं रुड़की के सक्षम अस्पताल में पहुंचने के बाद भी वे बातचीत करते रहे।

एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि ऋषभ ने काफी हिम्मत दिखाई और जब उनकी मां पहुंची तो उनसे भी इसी तरह बात की जैसे कुछ नहीं हुआ। उनकी मां बैग में कपड़े लेकर पहुंची थी। यहां तक की मां के द्वारा लाए गए कपड़ों पर भी मजाक में कमेंट करते हुए कहा कि इससे छोटे कपड़े नहीं थे।

बता दें कि जब ऋषभ पंत को एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया तब ऋषभ से उनकी मां का नंबर लिया, लेकिन मां का नंबर मिलाया तो वह भी स्विच ऑफ आया। तब सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के चेतक पुलिसकर्मी को लंढौरा अशोक नगर स्थित उनके आवास पर भेजा गया।

यहां चेतक पुलिसकर्मी ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। जिस पर एसपी देहात ने चेतक पुलिसकर्मी को निर्देशित किया कि जब तक दरवाजा ना खुले तब तक कोशिश करते रहे। थोड़ी देर बाद ऋषभ पंत की मा ने दरवाजा खोला तो चेतक पुलिसकर्मी ने दुर्घटना के बाबत जानकारी दी और अस्पताल में चलने के लिए कहा। जिस पर ऋषभ पंत की मां सरोज पंत ने अपने ड्राइवर को फोन लगाया लेकिन तब उस ड्राइवर ने फोन नहीं उठाया।

इस पर पुलिस की गाड़ी ऋषभ पंत की मां को लेकर अस्पताल पहुंची। इसी बीच एसपी देहात स्वप्न किशोर ने ऋषभ पंत की मां को बताया कि ऋषभ के लिए कुछ जरूरी कपड़ों की जरूरत है जिस पर उनकी मां ने बैग में कपड़े रखे और अस्पताल लेकर पहुंची।

एसपी देहात का कहना था कि ऋषभ पंत भारतीय क्रिकेटर होने के नाते राष्ट्रीय धरोहर भी हैं इसलिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी गई और ऋषभ और उनके परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की कोशिश की गई। स्वप्न किशोर सिंह ने बताया दुर्घटना करीब 5:30 बजे हुई थी और सुबह 6:15 बजे चेतक पुलिसकर्मी को उनके घर पर सूचना देने के लिए भेज दिया गया था।

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