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रेप किया, चीरकर खाया कलेजा… बच्चा नहीं होने पर तांत्रिक के काले जादू ने दंपति को बनाया हैवान

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव की दिल दहलाने वाली घटना में शनिवार को फैसला आ गया। एडीजी पॉक्सो ऐक्ट शमीम रिजवी की कोर्ट ने दंपती समेत चारों आरोपियों को घटना का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। फैसला सुनाए जाने के बाद पुलिस ने चारों को जेल ले जाकर दाखिल कर दिया। बता दें कि 14 नवंबर 2020 को घाटमपुर भदरस गांव में ऐसी घटना घटी थी, जिसे सुनकर किसी की भी रुह कांप जाए।

संतान सुख के लिए परशुराम और उसकी पत्नी सुनैना ने अपने परिवार के अंकुर हूला और वीरन की मदद से मोहल्ले के करन कुरील की 6 साल की बच्ची को अगवा करने के बाद हत्या करके उसके अंग निकाले थे। इसे दंपती ने खाया। वहीं हत्या से पहले दरिंदे दोनों युवकों ने बच्ची के साथ रेप किया था। उसका क्षत-विक्षत शव दूसरे दिन खेत में पड़ा मिला था। एडीजीसी रामरक्षित शर्मा, अजय और प्रदीप पांडेय ने बताया कि दंपती समेत चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वह हाई कोर्ट में जाकर जघन्य घटना करने वाले अभियुक्तों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग करेंगे।

फैसला आने के बाद रोए बच्ची के माता पिता

साल 2020 में दीपावली की शाम बच्ची लापता हो गई थी। घर में दिया जलाने की तैयारी चल रही थी। बाद में बच्ची उसका शव मिला। बच्ची की हत्या के मामले में फैसला आने के बाद उसके माता-पिता फफक कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि बच्ची की हत्या के बाद से दीपावली नहीं मनाई। कोर्ट पर भरोसा था कि न्याय होगा। आज जब आरोपियों को सजा हुई है तो आत्मा को शांति मिली है। दरिंदों को मासूम पर तरस नहीं आया। ये कहकर वह फिर फफक पड़े।

सीएम हुए थे नाराज

मानवता को शर्मशार करने वाली इस घटना की चर्चा पूरे प्रदेश में हुई थी। इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कड़ा आक्रोश जताया था। साथ ही आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तार करने के तमाम साक्ष्य एकत्र कर चार्जशीट फाइल की थी। मामले में तीन साल के अंदर फैसला आ गया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़कर रोए एडीजीसी

घटना की विभत्सता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बच्ची का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। जिससे साफ है कि उसके साथ दरिंदगी की हदें पार की गईं थीं। वहीं उसका लीवर, फेफड़े, कलेजा निकाल लिया गया था ‌उसे दंपति को सौंपा गया, जिसे दोनों ने संतान सुख प्राप्ति के लिए खाया। कोर्ट में इन तथ्यों को रखते हुए एडीजीसी प्रदीप पांडेय और रामरक्षित शर्मा के आंखों में आंसू आ गए। कोर्ट के समक्ष रोकर उन्होंने इसे दुर्लभतम श्रेणी का अपराध बताते हुए चारों आरोपियों को मृत्यु दंड दिए जाने की मांग की। हालांकि कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी है।

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