उत्तर प्रदेश

Irfan Solanki Case: महा शिवरात्रि के बाद संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई

कानपुर। Irfan Solanki Case सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके गैंगस्टर साथियों के खिलाफ संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई इन दिनों चल रही है। पुलिस अब तक ग्वालटोली और जाजमऊ में शौकत पहलवान की संपत्तियां जब्त कर चुकी है। पिछले चार दिनों से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब महा शिवरात्रि के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।

कमिश्नरेट पुलिस ने सपा विधायक इरफान सोलंकी के अलावा इजराइल आटा वाला, शौकत पहलवान और मोहम्मद शरीफ के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था।। इस मामले में पिछले दिनों शौकत पहलवान के स्वामित्व वालों जाजमऊ व ग्वालटोली स्थित दो इमारतों को पुलिस ने सील कर दिया था। इन संपत्तियों की कीमत करीब 28 करोड़ आंकी गई थी। पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने बताया कि पिछले चार दिनों से संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई रुकी हुई है।

पुलिस चिन्हित संपत्तियों की दस्तावेजी जांच में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि दूूसरे चरण में सपा विधायक की संपत्तियां सील की जानी हैं। दूसरा चरण महाशिवरात्रि के बाद से शुरू होगा, क्योंकि इन कार्रवाई में पुलिस बल की जरूरत होगी और बड़ी संख्या में फोर्स सुरक्षा ड्यूटी में मुस्तैद है। उन्हाेंने बताया कि पुलिस विधायक की छह से अधिक संपत्तियां चिन्हित की हैं, जिनकी कीमत 50 से 60 करोड़ के बीच हैं।

सुरक्षित रखी जाएगी सपा विधायक समेत तीन की सीडीआर

सपा विधायक उनके भाई और एक अन्य आरोपित की सीडीआर यानी काल डिटेल रिपोर्ट पुलिस अपने पास सुरक्षित रखेगी। कोर्ट में प्रतिरक्षा के समय पर इसे निर्देशानुसार पेश करना होगा। विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने यह आदेश दिए हैं। मामला जाजमऊ स्थित महिला के प्लाट पर कब्जा और आगजनी से जुड़ा है। सपा विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान और एक अन्य आरोपित मो. शरीफ की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर सीडीआर मंगवाने की अर्जी दी गई थी।

तर्क रखा था कि जाजमऊ स्थित प्लाट पर आगजनी के समय वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। इसके लिए उनकी सीडीआर मंगवा ली जाए। अभियोजन ने इसका विरोध करते हुए दलील दी थी कि इस तरह को कोई भी प्रार्थना पत्र सुनवाई के दौरान प्रतिरक्षा के अवसर पर दिया जा सकता है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने बताया कि न्यायालय ने पुलिस उपायुक्त पूर्वी जोन और संबंधित टेलीकाम कंपनी को निर्देश दिए हैं कि वह सीडीआर रिपोर्ट को सुरक्षित कर लें। प्रतिरक्षा के अवसर पर न्यायालय के निर्देश पर इसे कोर्ट में पेश किया जाए।

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