गर्भवती मधु हत्याकांड, कोर्ट ने भाई और मां को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

न्यायाधीश ने सुनाया फैसला, परिवार की इज्जत के नाम पर हुई निर्मम हत्या
हापुड़ (उत्तर प्रदेश)। हापुड़ जिले के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र में गर्भवती युवती की निर्मम हत्या के मामले में न्यायालय ने सुनाया बड़ा फैसला। मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा, युवती को जिंदा जलाकर मारने का था आरोप।
वर्ष 2023 में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में आरोपी मां और बेटे को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश मलखान सिंह ने दोनों दोषियों पर 11-11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
घटना का विवरण:
28 सितंबर 2023 को गांव चितौड़ा के चौकीदार सत्तार की शिकायत पर पुलिस में मामला दर्ज हुआ था। शिकायत में कहा गया कि शाम करीब पांच बजे पलवाड़ा बंबा जंगल क्षेत्र में रहने वाले सुनील ने अपनी गर्भवती बहन मधु की गर्दन पर ब्लेड से वार कर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। वारदात के समय मधु की मां असर्फी देवी भी घटनास्थल पर मौजूद थी और वारदात में शामिल थी। रिपोर्ट के अनुसार, मधु करीब छह से सात माह की गर्भवती थी लेकिन वह गर्भ में पल रहे बच्चे के पिता का नाम बताने को तैयार नहीं थी। इसी कारण मां-बेटे ने मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई।
इलाज के दौरान तोड़ा दम:
घटना के बाद पुलिस ने गंभीर रूप से झुलसी मधु को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसकी हालत बिगड़ने पर मेरठ रेफर किया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए सुनील और असर्फी देवी को गिरफ्तार किया और न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।
मरने से पहले दिए गए बयान बने मुख्य साक्ष्य:
घटना के बाद तहसीलदार को मौके पर बुलाकर घायल मधु के बयान दर्ज किए गए थे, जो मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य बने। तहसीलदार द्वारा पूछे गए सवालों में मधु ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसे उसकी मां और भाई ने जिंदा जलाया, क्योंकि वह गर्भवती थी।
अदालत का फैसला:
सुनवाई पूरी होने के बाद बुधवार को जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह ने आरोपी सुनील और उसकी मां असर्फी देवी को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और आर्थिक दंड भी लगाया।