जाली दस्तावेजों के जरिये प्लॉट बेचने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार  - न्यूज़ इंडिया 9
अपराधदिल्ली/एनसीआर

जाली दस्तावेजों के जरिये प्लॉट बेचने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार 

कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से की 5.78 करोड़ रुपये की ठगी

दिल्ली। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जाली दस्तावेजों के जरिये गुरुग्राम का एक प्लॉट बेचने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद सलमान और रानी कपूर (बदला हुआ नाम) के रूप में हुई है। आरोपियों ने प्लॉट बेचकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से 5.78 करोड़ रुपये की ठगी की। प्लॉट के मूल मालिक की ओर से अदालत में शिकायत करने पर ठगी का खुलासा हुआ। इसके बाद पीड़ित ने आर्थिक अपराध शाखा में इसकी शिकायत दी।

अपराध शाखा पुलिस उपायुक्त विक्रम के पोरवाल ने बताया कि दिसंबर, 2024 को कंस्ट्रक्शन कारोबारी अजय कुमार अग्रवाल ने ठगी की शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने मोहम्मद सलमान पर गुरुग्राम स्थित एक प्लॉट की फर्जी बिक्री कर उनसे 5.78 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया। वह सलमान को पहले से जानते थे।

उन्होंने बताया कि आरोपी ने पहाड़गंज में उनके कार्यालय से संपर्क किया। आरोपी ने बताया कि प्लॉट शास्त्री नगर निवासी रानी कपूर (बदला हुआ नाम) का है। मोहम्मद सलमान ने उन्हें प्लॉट के मूल दस्तावेज दिखाए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने प्लॉट खरीदकर उन दस्तावेजों के आधार पर आदित्य बिड़ला हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से पांच करोड़ का ऋण लेकर भुगतान किया।

भुगतान के बाद पीड़ित ने जब प्लॉट का दौरा किया तो उन्हें ख्ररीदे गए प्लॉट पर एक बोर्ड दिखा, जिसमें बताया गया था कि संपत्ति कविता शर्मा (बदला हुआ नाम) की है। पीड़ित के पूछने पर आरोपी सलमान ने बताया कि बोर्ड उन्होंने लगाए हैं। कुछ दिन बाद पीड़ित को गुरुग्राम कोर्ट से एक नोटिस मिला, जिसमें मूल मालिक कविता शर्मा ने रानी कपूर द्वारा उनके नाम पर निष्पादित बिक्री विलेख को रद्द करने की मांग की गई थी। उसके बाद पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने शाखा में शिकायत दी। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने 16 दिसंबर, 2024 को मामला दर्ज कर लिया।

पुलिस जांच में पता चला कि प्लॉट का स्वामित्व कविता शर्मा के पास ही है। सलमान और रानी कपूर ने प्लॉट के जाली दस्तावेज तैयार किए थे। इसमें प्लॉट को 29 मार्च, 2024 को पंजीकृत बिक्री विलेख के जरिये रानी कपूर के नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि मूल मालिक ने रानी कपूर को प्लॉट बेचा ही नहीं। बिक्री विलेख में यह भी दावा किया गया कि रानी कपूर ने प्लॉट की बिक्री के लिए कविता शर्मा को कई चेक दिए थे।

जांच से पता चला कि चेक कभी बैंक को प्रस्तुत नहीं किए गए। प्लॉट पर कब्जा अभी भी कविता कविता शर्मा के पास है। सलमान ने पीड़ित को धोखा देने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया। पीड़ित ने आरोपी को 5.78 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन उसे प्लॉट का कब्ज़ा नहीं मिला था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य मिलने के बाद 28 फरवरी को आरोपी मोहम्मद सलमान को करोल बाग से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सलमान के निशानदेही पर 1 मार्च को रानी कपूर को भी गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी ने कई कारोबार में आजमाया हाथ
जांच के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी मोहम्मद सलमान आठवीं पास है। उसने नबी करीम और सदर बाजार के इलाकों में बैग और कपड़े बेचने का कारोबार किया। मुनाफा नहीं होने पर वह साल 2018 से प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार शुरू किया। इस दौरान उसकी मुलाकात रानी कपूर और उसके पति सुशील से हुई। रानी उसकी मैनेजर के रूप में काम करने लगी। फिर इनलोगों ने झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेज बनाने और इसका इस्तेमाल कर ठगी करने लगे। उसके अन्य साथियों किशोर, बीरेंद्र और प्रहलाद ने भी उसके साथ ठगी में शामिल हो गए। पुलिस ने बताया कि मोहम्मद सलमान पर पहाड़गंज और लुधियाना पंजाब में भी फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज है।

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