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‘शांति के पक्ष में हैं लेकिन…’, भारत-चीन सीमा विवाद और पाकिस्तान से बातचीत पर पीएम मोदी का अहम बयान

नई दिल्ली: पीएम मोदी G-7 देशों की बैठक में शामिल होने के लिए जापान के हिरोशिमा पहुंच गए हैं. इस बैठक से ठीक पहले पीएम मोदी ने भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने निक्केई एशिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ “सामान्य और पड़ोसी संबंध” चाहता है, लेकिन आतंकवाद से मुक्त अनुकूल माहौल बनाना और आवश्यक कदम उठाना इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है.

भारत ने पहले भी जताई है चिंता

पीएम मोदी ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंध चाहता है, इसके आगे पीएम ने कहा कि “आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त एक अनुकूल वातावरण बनाना उनके लिए आवश्यक है. इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.” भारत ने सीमा पार आतंकवाद को बार-बार पाकिस्तान से मिल रहे समर्थन पर अपनी चिंता व्यक्त की है. और जोर देकर कहा है कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती.

बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने गोवा में हुए SCO बैठक में हिस्सा लिया था. लेकिन उस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से कोई बात नहीं हुई थी.

“हम अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए तैयार”

साक्षात्कार के दौरान, प्रधानमंत्री ने चीन के साथ संबंधों से संबंधित प्रश्नों का भी उत्तर दिया और वैश्विक दक्षिण की आवाजों और चिंताओं को बढ़ाने के भारत के प्रयासों के बारे में भी बात की. पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है.’ चीनी सेना की कार्रवाइयों के बाद 2020 की गर्मियों में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध शुरू हो गया और बातचीत के दौरान कुछ क्षेत्रों से वापसी हुई, कुछ इलाके अभी भी ऐसे हैं जिन्हें लेकर तनाव जारी है.

पीएम मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति आवश्यक है. भारत-चीन संबंधों का भविष्य का विकास केवल आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है. पीएम ने कहा कि इन दो देशों के संबंधों से व्यापक क्षेत्र और दुनिया को लाभ होगा.

भारत 2003 से G7 शिखर सम्मेलन में ले रहा है हिस्सा

G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी शुक्रवार को जापान के हिरोशिमा पहुंचे. शिखर सम्मेलन के लिए भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है. भारत 2003 से G7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है, पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन विवाद पर उनके देश की स्थिति “स्पष्ट और अटूट है.”

“टकराव हमारी पहचान नहीं”

पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति के पक्ष में खड़ा है और दृढ़ता से रहेगा. हम उन लोगों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करते हैं, विशेष रूप से भोजन, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के कारण. हम रूस और यूक्रेन के साथ संपर्क बनाए रखते हैं.पीएम मोदी ने कहा कि कोऑपरेशन और कोलैब्रेशन ही हमारी पहचान है नाकि टकराव या उस जैसी कोई भी स्थिति.

पीएम मोदी ने कहा कि जापान और भारत के लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य स्वाभाविक रूप से उन्हें करीब लाए हैं. उन्होंने कहा कि अब हम अपने राजनीतिक, सामरिक, सुरक्षा और आर्थिक हितों में एक बढ़ता हुआ अभिसरण देखते हैं.

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