पाकिस्तान ने गलती से ब्रह्मोस दगने के मामले में संयुक्त जांच की मांग दोहराई
इस्लामाबाद : भारत की ओर से गत 9 मार्च को पाकिस्तानी क्षेत्र में गलती से एक सुपरसोनिक मिसाइल दागने के मामले में कार्रवाई को पाकिस्तान ने अस्वीकार किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को मामले पर एक संयुक्त जांच की मांग को दोहराया। इससे पहले मंगलवार को भारतीय वायुसेना ने अपनी जांच को समाप्त करते हुए कहा कि सरकार ने मार्च में गलती से पाकिस्तान में मिसाइल दागने के लिए तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। परमाणु क्षमता से लैस सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल, जिसे रूस और भारत ने संयुक्त रूप से विकसित किया था, 9 मार्च को अनजाने में भारत की ओर दागी गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत सरकार ने पूरे मामले पर जवाब मांगा था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘पाकिस्तान बेहद गैर-जिम्मेदाराना घटना की जांच को भारत की ओर से कथित रूप से बंद किए जाने को खारिज करता है और एक संयुक्त जांच की अपनी मांग को दोहराता है।’ इसमें कहा गया, ‘घटना के बाद भारत की ओर से उठाए गए कदम और उसके नतीजे व जांच के बाद दी गई सजा पूरी तरह से असंतोषजनक, दोषपूर्ण और अपर्याप्त है।’
मानक प्रक्रियाओं के उल्लंघन से हुआ हादसा
पाकिस्तान ने कहा, ‘भारत न सिर्फ पाकिस्तान की ओर से उठाई जा रही संयुक्त जांच की मांग को पूरा करने में विफल रहा है बल्कि वह हमारी तरफ से उठाए गए सवालों के जवाब देने से भी बच रहा है।’ वहीं भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘घटना की जिम्मेदारी तय करने व मामले के तथ्यों को सामने लाने के लिए गठित एक ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ ने पाया कि तीन अधिकारियों की ओर से मानक संचालन प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedures) के उल्लंघन के कारण आकस्मिक मिसाइल दागने की घटना हुई।’
इस्लामाबाद तक वार करने की क्षमता
बयान में कहा गया कि सरकार ने तीन अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल सशस्त्र नहीं थी और देश की राजधानी इस्लामाबाद से करीब 500 किमी दूर पूर्वी शहर मियां चन्नू के पास क्रैश हो गई। अमेरिका स्थित आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अनुसार, मिसाइल की रेंज 300 से 500 किमी के बीच है। इसका मतलब है कि यह भारत के उत्तरी लॉन्च पैड से इस्लामाबाद तक वार करने में सक्षम है।