तीन दिवसीय सउदी यात्रा पर 7 अरब डालर से ज्यादा के राहत पैकेज की मांग कर सकते हैं पाक पीएम शहबाज शरीफ
पाकिस्तान (Pakistan) में साढ़े तीन साल तक सत्ता संभालने वाले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पहचान एक ऐसे नेता के तौर पर हुई थी, जो अपने हर विदेश दौरे पर ‘भीख का कटोरा’ लेकर दुनिया के देशों से पैसा मांगता था. वहीं, अब समय बदल चुका है और शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) देश के नए प्रधानमंत्री बन चुके हैं. लेकिन हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं. शहबाज में भी ‘इमरान 2.0’ बनने की जल्दी है. दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि शहबाज शरीफ गुरुवार को सऊदी अरब (Saudi Arabia) के दौरे पर जाएंगे. इस दौरान वह सऊदी अरब से 3.2 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता पैकेज की मांग करेंगे.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शहबाज शरीफ विदेशी मुद्रा भंडार में और कमी को रोकने के लिए सऊदी अरब के आगे ‘हाथ’ फैलाएंगे. अब तक सऊदी अरब पाकिस्तान को 4.2 अरब बिलियन डॉलर मुहैया करा चुका है. इस तरह 3.2 अरब डॉलर की राशि देने के बाद सऊदी द्वारा कंगाल पाकिस्तान को दी गई राशि बढ़कर 7.4 अरब बिलियन डॉलर हो जाएगी. पिछले साल अक्टूबर में एक साल के लिए 3 अरब डॉलर नकद और सालाना 1.2 अरब डॉलर के बराबर आस्थगित भुगतान पर तेल देने का ऐलान किया था. पाकिस्तान ने सऊदी अरब के अलावा चीन से भी बड़ी मात्रा में कर्ज लिया हुआ है.
पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार हुआ कम
दरअसल, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान पड़ोसी मुल्क का सेंट्रल बैंक है. पिछले छह हफ्ते के दौरान पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट देखी गई है. इस दौरान 5.5 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार कम हो गया है. वर्तमान में ये 10.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. ऐसे में अगर विदेशी मुद्रा भंडार में और अधिक गिरावट देखने को मिलती है, तो इसकी वजह से पाकिस्तान में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. यही वजह है कि शहबाज शरीफ इस संकट से बचने के लिए अब सऊदी अरब के आगे हाथ फैलाने को तैयार दिख रहे हैं.
दरअसल, पाकिस्तान की पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार के दौरान देश को आर्थिक बदहाली और महंगाई से जूझना पड़ा है. इसके अलावा, बढ़ती बेरोजगारी ने भी मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं. वहीं, सत्ता संभालने वाले नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी अब इन चुनौतियां से निपटना है. हालांकि, शहबाज शरीफ को उम्मीद है कि सऊदी अरब से उन्हें कर्ज मुहैया हो जाएगा. इसके जरिए वह कम होते विदेशी मुद्रा भंडार को रोक सकेंगे.